डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं, जिनमें से एक प्रमुख समस्या पेट के आसपास कालेपन की है। यह समस्या हार्मोन बदलने के कारण , त्वचा फैलने और सिकुड़ने के कारण ,और मेलानिन के अधिक उत्पादन के कारण होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान करीब 90% महिलायें अपनी त्वचा में बदलाव महसूस करती हैं, जिसमें पिगमेंटेशन सबसे आम है। हमारे शरीर में सबसे बड़ा अंग स्किन ही होती है । अगर हम अच्छा खा रहे हैं और नियमित रूप से व्यायाम कर रहे हैं, तो हमारी स्किन खिली हुई चमकती हुई दिखती है , और अगर आप थके हुए और तनाव में हैं, तो भी ये हमारी त्वचा में दिखाई देता है, और सबसे ज्यादा बड़े हार्मोनल बदलाव यौवन, रजोनिवृत्ति या प्रेग्नेंसी ही है।
90% तक महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद महिलाओं के चेहरे या शरीर पर पिगमेंटेशन, मुंहासे, सूखी या खुजली वाली स्किन, पेट और पैरों पर स्ट्रेच मार्क्स जैसे लक्षण दिखाई देती है । हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण त्वचा के कुछ हिस्से आस-पास की त्वचा से ज़्यादा गहरे या काले हो जाते हैं। ऐसा तब होता है जब त्वचा मेलेनिन का ज़्यादा उत्पादन करती है,जिस से स्किन का रंग और डिलीवरी के बाद पेट के आस पास कालापन बढ़ जाता है।
और पढ़ें - (प्रेग्नेंसी में देखभाल कैसे करें?)
- प्रेग्नेंसी में मेलास्मा या त्वचा के कालेपन का क्या कारण क्या है?
- डिलीवरी के बाद पेट का कालापन दूर करने के उपाय
- डिलीवरी के बाद हाइपरपिग्मेंटेशन के लिए घरेलू उपचार
- सारांश
प्रेग्नेंसी में मेलास्मा या त्वचा के कालेपन का क्या कारण क्या है?
मेलास्मा एक स्किन प्रॉब्लेम है जिसमें त्वचा में मेलानोसाइट्स यानि रंग बनाने वाली कोशिकाएँ किसी कारण से ज्यादा रंग का उत्पादन करना शुरू कर देती हैं। प्रेग्नन्सी में इसे क्लोस्मा भी कहा जाता है । क्लोस्मा एक कॉस्मेटिक प्रॉब्लेम है , लेकिन यह किसी भी तरह से आपके बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। कुल मिलाकर, 50 से 70 प्रतिशत महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान या डिलीवरी के बाद किसी न किसी तरह का मेलास्मा प्रॉब्लेम होती ही है। गर्भावस्था के दौरान मेलास्मा का मुख्य कारण हार्मोन में बदलाव, विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की अधिकता है। इसके अलावा, सूरज के संपर्क में आने से , कुछ स्किन प्रोडक्टस उपयोग करने से और आनुवंशिकी भी कुछ कारण हो सकते हैं। तो अब डिलीवरी के बाद पेट का कालापन कैसे दूर करें ये सवाल आपके मन में है तो जवाब इस आर्टिकल में है।
और पढ़ें - (प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) में होने वाली समस्याएं और उनका समाधान)
डिलीवरी के बाद पेट का कालापन दूर करने के उपाय
कई बार डॉक्टर इसे किसी भी तरह की दवाई का उपयोग न करने और अपने आप ठीक होने की सलाह देते हैं. लेकिन कुछ छोटे छोटे उपायों से आप अपने पेट का कालापन कम कर सकती हैं ।
धूप में न रहें
सूरज की रौशनी में रहने से ज्यादा कोशिकाएँ ज्यादा रंग बनाने लगती है, इसलिए सूरज की किरणों से दूर रहना एक अच्छा विचार है, खासकर लंबे समय तक। धूप सेंकने को थोड़ा कम करें। सिर्फ सुबह और शाम को ही धूप सेकें।
सनस्क्रीन लगाएं
धूप में बाहर निकलते समय SPF 30+ वाला सनस्क्रीन जरूर लगाएँ। ऐसे सनस्क्रीन खरीदें जिनमें जिंक ऑक्साइड, टाइटेनियम डाइऑक्साइड या कोई और खराब तत्व न हो ।
ढीले आरामदायक और ढके हुए कपड़े पहनें
धूप से बचने के लिए ढीले-ढाले कपड़े पहनें जिस से आप की स्किन डायरेक्ट धूप और अन्य तत्वों के प्रभाव में न आये।
और पढ़ें - (गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या ना खाएं)
स्किन पर सॉफ्ट स्किन प्रोडक्टस का ही इस्तेमाल करें
चेहरे पर जलन पैदा करने वाले फेस वॉश, लोशन और सीरम मेलास्मा को और भी बदतर बना सकते हैं। इसके बजाय सॉफ्ट फ़ील स्किन प्रोडक्टस का उपयोग करें। बहुत सी महिलायें हाइपरपिग्मेंटेशन के इलाज के लिए ट्रापिकल उपचार का उपयोग करती हैं जैसे- एज़ेलिक एसिड , सिस्टेमाइन क्रीम , विटामिन सी , हाइड्रोक्विनोन , कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स , कोजिक एसिड , रेटिनोइड्स, नियासिनमाइड आदि । ऐसे ट्रापिकल उपचार को असर दिखाने में 3 से 6 महीने का समय लग सकता है।
कॉस्मेटिक प्रोसेस
कुछ कॉस्मेटिक प्रोसेस हाइपरपिग्मेंटेशन की उपस्थिति को कम करने के लिए स्किन के रंग को हल्का भी कर सकती हैं। हाइपरपिग्मेंटेशन को ठीक करने के लिए कॉस्मेटिक प्रोसेस में शामिल हैं:
- लेजर थेरेपी
- केमिकल पील्स
लेकिन इन सब प्रोसेस को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात करें ।
और पढ़ें - (प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दिखते हैं?)
डिलीवरी के बाद हाइपरपिग्मेंटेशन के लिए घरेलू उपचार
प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करके भी डिलीवरी के बाद पेट का कालापन दूर किया जा सकता है , हाइपरपिग्मेंटेशन के क्षेत्रों को हल्का करना भी संभव हो सकता है। जैसे -
एलोवेरा
एलोवेरा में मौजूद एलोसीन नामक यौगिक हाइपरपिग्मेंटेशन को हल्का कर सकता है। एलोसीन त्वचा में मेलेनिन के उत्पादन को रोकने का काम करता है। आप पौधे से एलोवेरा जेल को सीधे निकाल कर त्वचा पर रोज लगा सकती हैं।
मुलेठी
मुलेठी का अर्क हाइपरपिग्मेंटेशन को हल्का कर सकता है। 2019 के शोध से पता चलता है कि मुलेठी के अर्क में ग्लैब्रिडिन नामक तत्व होता है जो सूजन-रोधी, एंटीऑक्सीडेंट और त्वचा को गोरा करने में मदद कर सकता है।
और पढ़ें - (जानिए प्रेगनेंसी टेस्ट किट के बारे में)
ग्रीन टी
ग्रीन टी के अर्क हाइपरपिग्मेंटेशन में सुधार कर सकते हैं। शोधकर्ताओं ने लंबे समय से ग्रीन टी के संभावित एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुणों का अध्ययन किया और बहुत सीमित शोध से पता चलता है कि ग्रीन टी का अर्क मेलास्मा को ठीक करने में मदद कर सकता है और सनबर्न को कम कर सकते हैं।
नींबू का रस
आधे ताजे नींबू के रस और आधे खीरे के रस या पानी का घोल मिलाएँ। रस में मौजूद एसिड त्वचा की ऊपरी परत में कालेपन को दूर करने में मदद कर सकता है।
अच्छा खाएं, आराम करें और जरूरत हो तो सप्लीमेंट्स का प्रयोग करें , खुद को हाइड्रेटेड रखें , भरपूर मात्रा में ताज़े फल और सब्ज़ियाँ खाएँ और हर रात पर्याप्त नींद लें। प्रेग्नेंसी के बाद, भी यदि आपका कालापन दूर नहीं होता है तो अपने त्वचा विशेषज्ञ से और दूसरे उपचारों के बारे में पूछें।
और पढ़ें - (प्रेग्नेंसी में क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए?)