गर्भावस्था के दौरान सेवन किए जाने वाले आहार और पोषक तत्वों की बात हो रही हो और इमली की बात न की जाए ऐसा हो ही नहीं सकता । प्रेग्नेंसी में इमली खाना बहुत ही कॉमन है। आमतौर पर गर्भावस्था में महिलाओं का मन इमली या इमली के जैसे ही खट्टे फलों को खाने का करता है।
इमली एक बहुत ही स्वादिष्ट फल है जो अपने स्वाद के कारण कई व्यंजनों में उपयोग की जाती है। इमली में औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। इमली में पॉलीफेनॉल्स, फ्लेवोनोइड, पोटेशियम, आयरन, फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन k के साथ ही कई अन्य खनिजों से प्रचुर है।
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गर्भावस्था के दौरान कोई भी महिला खुद को इमली खाने से रोक नहीं सकती लेकिन क्या वो यह जानती हैं कि गर्भावस्था में इमली खानी चाहिए या नहीं? आज हम इस लेख के जरिए जानेंगे कि गर्भावस्था में इमली का सेवन करना चाहिए या नहीं? इमली के फायदे और नुकसान क्या हैं? गर्भावस्था के दौरान इमली खाना सुरक्षित है या नहीं।
- प्रेग्नेंसी में इमली खाने के फायदे - Pregnancy mein imli khane ke laabh
- प्रेग्नेंसी में इमली खाने के नुकसान - Pregnancy mein imli khane ke nuksan
- प्रेग्नेंसी में इमली कैसे और कितनी खाएं? - Pregnancy mein imli kaise aur kitna khaye
- प्रेग्नेंसी में इमली खाते वक्त क्या याद रखें? - Pregnancy mein imli khane ki savdhaniyan
- सारांश
प्रेग्नेंसी में इमली खाने के फायदे - Pregnancy mein imli khane ke laabh
गर्भावस्था में इमली खाने के फायदे निम्नलिखित हैं:
- इमली के सेवन से टखनों के आसपास सूजन और मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
- इमली में फ्लेवोनोइड और पॉलीफेनॉल पाया जाता है जो गर्भावधि मधुमेह से बचाव करता है।
- इमली में मिलने वाला पोटैशियम और सोडियम रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने असरकारक है।
- गर्भावस्था में मीठी इमली के सेवन से कब्ज में राहत मिलती है।
- इमली के पाचन गुणों के कारण इससे पेचिश की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है।
- एंटीऑक्सीडेंट से युक्त इमली कैंसर को भी रोकने में सक्षम है।
- इमली का गूदा गर्भावस्था में भूख बढ़ाने में भी असरकारक है। (और पढ़ें - भूख बढ़ाने का उपाय)
- गर्भावस्था में इमली के सेवन से मितली और मॉर्निंग सिकनेस से भी बचाव होता है।
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प्रेग्नेंसी में इमली खाने के नुकसान - Pregnancy mein imli khane ke nuksan
जिस तरह एक सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार अगर किसी खाद्य पदार्थ के फायदे हैं तो नुकसान भी होते हैं। इमली विटामिन सी का अच्छा स्रोत है लेकिन विटामिन सी का अधिक सेवन गर्भवती महिलाओं पर हानिकारक प्रभाव भी डालता है।
गर्भावस्था में इमली खाने के निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं:
- विटामिन सी की अधिकता के कारण मिसकैरेज हो सकता है।
- विटामिन सी के अधिक सेवन से समय से पूर्व प्रसव की संभावना बढ़ जाती है और भ्रूण की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचता है।
- इमली खाने से गर्भवती महिला के ब्लड शुगर में असंतुलन पैदा हो सकता है।
- बहुत अधिक इमली का सेवन रक्तचाप को नुकसान पहुंचा सकता है।
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प्रेग्नेंसी में इमली कैसे और कितनी खाएं? - Pregnancy mein imli kaise aur kitna khaye
एक कप इमली के गूदे में 3.36 मि.ग्रा आयरन होता है। गर्भवती महिलाओं को अपने दैनिक आहार में 27 मि.ग्रा आयरन की जरूरत होती है जिसकी 12 प्रतिशत की पूर्ति एक कप इमली के गूदे हो जाती है। इमली का इस्तेमाल कई तरह के व्यंजनों को बनाने की विधि में भी किया जाता है। अगर इमली के सीधे सेवन से बचना चाहतीं है तो इमली से बना कोई व्यंजन भी खा सकती हैं। कई महिलाएं इमली तो अचार की तरह सूखा ही खाना पसंद करती हैं। कुछ अलग खाने का मन हो तो इमली की चटनी भी खाई जा सकती है।
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प्रेग्नेंसी में इमली खाते वक्त क्या याद रखें? - Pregnancy mein imli khane ki savdhaniyan
गर्भावस्था में इमली खाने में निम्नलिखित सावधानियां रखें:
- इमली पेरासिटामोल, इबुप्रोफेन और एस्पिरिन जैसी कुछ दवाओं पर असर करती है, इसलिए अगर कोई गर्भवती महिला इन दवाओं का सेवन कर रही है तो या तो उन्हें इमली के सेवन से बचना चाहिए या इन दवाओं के सेवन के 24 घंटे बाद ही इमली खानी चाहिए।
- आमतौर पर देखा जाए तो बाजार में इमली आसानी से उपलब्ध है लकिन बाजार में मिलने वाली इमली ज्यादातर खुली ही मिलती है ऐसी खुली मिलने वाली इमली से परहेज करें।
- बहुत ज्यादा कच्ची इमली के सेवन से बचना चाहिए।
सभी अन्य खाद्य पदार्थों की तरह इमली का सेवन भी सीमित मात्रा में किया जाना ही अधिक लाभकारी होता है। गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से इमली खाने पर ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर के स्तर की जांच कराते रहना चाहिए। यदि किसी को इमली खाने से कोई समस्या हो रही हो तो इसे खाना बंद कर देना चाहिए या उचित होगा अगर चिकित्सकीय परामर्श ले लिया जाए।
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सारांश
प्रेग्नेंसी में इमली खाना सुरक्षित हो सकता है, लेकिन संतुलित मात्रा में। इमली में विटामिन सी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो पाचन को सुधारने और मतली (मॉर्निंग सिकनेस) को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, इसका अधिक सेवन पेट में एसिडिटी बढ़ा सकता है और ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है। यदि गर्भवती महिला को मधुमेह या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या हो, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही इमली का सेवन करना चाहिए। संतुलित आहार और सावधानी से इसका उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।