गर्भवती महिला को 9वें महीने में कुछ खास तरह के फूड्स खाने और कुछ खाद्य पदार्थों को न खाने की सलाह दी जाती है. कहा जाता है कि 9वें महीने में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ लेबर पेन कराने में मददगार हो सकते हैं. साथ ही ऐसी चीजें खाने के लिए कहा जाता है, जो गर्भवती महिला के साथ-साथ होने वाले शिशु के लिए भी हेल्दी हो. इसमें खजूर, अनानास व पपीते के साथ ही प्रोटीन, फाइबर व विटामिन लेने की सलाह दी जाती है. वहीं, सीफूड, कैफीन व अल्कोहल का सेवन करने से मना किया जाता है.
आज इस लेख में आप जानेंगे कि गर्भवती महिला को 9वें महीने में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए -
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प्रेगनेंसी के 9वें महीने में क्या खाएं
- प्रेग्नन्सी में पपीता खाने का नुकसान
- प्रेग्नन्सी में अनानास खाने के फायदे
- प्रेग्नन्सी में खजूर खाने के फायदे
- प्रेग्नन्सी में प्रोटीन पाउडर के फायदे
- प्रेग्नन्सी में फाइबर के फायदे
- प्रेग्नन्सी में विटामिन के फायदे
- प्रेग्नन्सी में आयरन खाने के फायदे
- प्रेग्नन्सी में फॉलिक एसिड के फायदे
- प्रेग्नन्सी में कैल्शियम के फायदे
- प्रेगनेंसी के 9वें महीने में क्या न खाएं
- सारांश
प्रेगनेंसी के 9वें महीने में क्या खाएं
गर्भवती महिला को 9वें महीने में ऐसी चीजें खानी चाहिए, जो उसके साथ ही उसके बच्चे के लिए भी हल्दी हो. साथ ही ऐसे फूड्स, जो लेबर पेन कराने में मददगार हो सकें. इन फूड्स में अनानास व पपीते के साथ प्रोटीन, फाइबर व विटामिन लेने के लिए कहा जाता है. आइए, विस्तार से जानते हैं कि गर्भवती महिला को 9वें महीने में क्या खाना चाहिए -
प्रेग्नन्सी में पपीता खाने का नुकसान
प्रेगनेंसी में पका हुआ पपीता खाने के लिए मना किया जाता है, लेकिन गर्भावस्था के 9वें महीने में कच्चा पपीता खाने के लिए कहा जाता है. दरअसल, कच्चे पपीते में लैटेक्स होता है, जो यूट्रीन कॉन्ट्रैक्शन को ट्रिगर कर सकता है. इस लैटेक्स में वही गुण पाए जाते हैं, जो यूट्रीन कॉन्ट्रैक्शन के लिए लेबर के दौरान निकलने वाले हार्मोन ऑक्सीटॉसिन में पाए जाते हैं.
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प्रेग्नन्सी में अनानास खाने के फायदे
अनानास में ब्रोमेलेन नामक एंजाइम पाया जाता है, जो गर्भवती महिला के सर्विक्स को मुलायम करके लेबर को ट्रिगर करने की क्षमता रखता है. ध्यान रहे कि टिन या कैन वाले अनानास को खाने से कोई फायदा नहीं होता है, क्योंकि इसमें लेबर को ट्रिगर करने वाला ब्रोमेलेन नहीं पाया जाता है. फिलहाल, इस संबंध में कोई सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है.
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प्रेग्नन्सी में खजूर खाने के फायदे
शोध कहते हैं कि खजूर में भी सर्विक्स को मुलायम करने के गुण पाए जाते हैं. साथ ही इसे खाने से पोस्टपार्टम हेमरेज के चांसेज भी कम हो जाते हैं. शोध के अनुसार, गर्भवती महिला द्वारा 9वें महीने में खजूर को खाने से लेबर में कम समय लगता है. इसे खाने से लेबर पेन शुरू करने के लिए अलग से ऑक्सीटॉसिन की जरूरत नहीं पड़ती है.
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प्रेग्नन्सी में प्रोटीन पाउडर के फायदे
गर्भवती महिला को प्रोटीन का सेवन 9वें महीने में भी करना चाहिए, क्योंकि इनमें अमीनो एसिड होता है. प्रोटीन के लिए गर्भवती महिला टोफू, सोया, बीन्स, दालें, नट्स, सीड्स, पूरी तरह से पके हुए अंडे, अच्छी तरह से पकी हुई फिश (कुछ तरह की फिश छोड़कर) खा सकती है.
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प्रेग्नन्सी में फाइबर के फायदे
ओट्स, ब्राउन राइस, दालें, फल और सब्जियों में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. ये सब ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूरी होने के साथ ही देर तक पेट को भरा भी महसूस कराते हैं. इसकी वजह से कब्ज जैसी समस्या भी नहीं होती है, जिससे गर्भवती महिला को अलग तरह की दिक्कत हो जाती है.
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प्रेग्नन्सी में विटामिन के फायदे
बच्चे को जन्म देने के बाद गर्भवती महिला के शरीर को तंदुरुस्ती के लिए विटामिन की जरूरत पड़ती है. 9वां महीना आते ही बच्चे का जन्म कभी भी हो सकता है, तो पोस्टनैटल रिकवरी के लिए विटामिन जरूर लेना चाहिए. विटामिन-ए के लिए फिश, डेयरी प्रोडक्ट, गाजर व पालक खा सकते हैं. संतरा, किवी, स्ट्रॉबेरी, टमाटर व ब्रोकली में विटामिन-सी पाया जाता है. विटामिन-बी6 के लिए केला, आलू व साबुत अनाज खाए जा सकते हैं. विटामिन-बी12 के लिए अंडे व डेयरी प्रोडक्ट सही रहते हैं.
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महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें ।
प्रेग्नन्सी में आयरन खाने के फायदे
गर्भवती महिला को 9वें महीने में भी आयरन की उतनी ही जरूरत पड़ती है, जितनी शुरुआती महीने में. आयरन की कमी से एनीमिया होने का जोखिम रहता है. बच्चे को जन्म देते समय भी खून ज्यादा बह जाने का खतरा रहता है. हरी पत्तेदार सब्जियों व लीन मीट में आयरन पाया जाता है.
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प्रेग्नन्सी में फॉलिक एसिड के फायदे
ये दोनों बच्चे को ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड से जुड़ी समस्या न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स से बचाते हैं. इसके लिए मूंगफली, हरी पत्तेदार सब्जियां, संतरा, नट्स व बीन्स खाने चाहिए.
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प्रेग्नन्सी में कैल्शियम के फायदे
कैल्शियम हड्डियों और दांतों को बनाने के लिए जिम्मेदार है, जो गर्भवती महिला के लिए 9वें महीने में भी जरूरी है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इस समय बच्चे की हड्डियां मजबूत हो रही होती हैं. डेयरी प्रोडक्ट, ब्रोकली व केल में कैल्शियम पाया जाता है.
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प्रेगनेंसी के 9वें महीने में क्या न खाएं
प्रेगनेंसी ठीक से चले और बच्चे के जन्म के समय कोई दिक्कत न हो, इसके लिए अधपका मीट, मरकरी वाले सीफूड व कच्चे अंडे जैसी चीजें नहीं खानी चाहिए. आइए, विस्तार से जानते हैं कि गर्भवती महिला को 9वें महीने में क्या नहीं खाना चाहिए -
मरकरी वाला सीफूड
सोर्डफिश और मार्लिन जैसे सीफूड गर्भवती महिला के लिए ठीक नहीं होते हैं. इनका सेवन नहीं करना चाहिए.
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अधपका मीट
अधपके मीट में बैक्टीरिया रह जाते हैं, जो 9वें महीने की प्रेगनेंसी में खतरनाक साबित हो सकते हैं.
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कच्चे अंडे
कच्चे अंडे भी गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होती हैं. कच्चे अंडे में बैक्टीरिया होते हैं, जो गर्भवती महिला को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
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शराब
महिला हो या पुरुष किसी को भी शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. खासकर गर्भावस्था में तो इसका सेवन गर्भवती महिला और होने वाले शिशु दोनों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.
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सारांश
गर्भवती महिला को 9वें महीने में खजूर, अनानास, कच्चे पपीते के साथ ही प्रोटीन, फाइबर और विटामिन खाने की सलाह दी जाती है. ये फूड्स लेबर के समय मददगार होते हैं और बच्चे के विकास के लिए भी जरूरी होते हैं. गर्भवती महिला को 9वें महीने में मरकरी वाला सीफूड, कैफीन व अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए. हालांकि, सबसे अच्छा तो यह है कि गर्भवती महिला 9वें महीने भी डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपने खान-पान का ध्यान रखे.
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प्रेगनेंसी के 9वें महीने में क्या खाएं व क्या नहीं? के डॉक्टर

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