प्रेगनेंसी के दौरान महिला में शारीरिक व मानसिक बदलाव होना सामान्य है. वहीं, कुछ बदलाव ऐसे होते हैं, जो सामान्य होते हैं, लेकिन कभी-कभी महिला को सोच में डाल देते हैं. गर्भावस्था के दौरान नाभि में बदलाव आना भी कुछ इसी तरह का है. कुछ की नाभि बाहर की तरफ आ सकती है, तो कुछ को नाभि में खुजली शुरू हो सकती है । आज इस लेख में आप जानेंगे कि गर्भावस्था के दौरान नाभि में बदलाव कब होता है, इसके कारण क्या हैं -
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गर्भावस्था में नाभि में बदलाव क्यों होता है?
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के आसपास महिलाएं आमतौर पर अपनी नाभि में बदलाव देखती हैं. जैसे-जैसे गर्भाशय फैलता रहता है, यह पेट को आगे की ओर धकेलता है. आखिरकार, गर्भवती के बढ़ते पेट के कारण आपका बेली बटन बाहर आ जाता है. हो सकता है कि ऐसा कुछ महिलाओं के साथ गर्भावस्था के तीसरी तिमाही में हो. साथ ही ऐसा होना चिंताजनक नहीं होता है. नाभि में ऐसा बदलाव होना सामान्य है. संभव है कि डिलिवरी के बाद नाभि पहले की तरह सामान्य हो जाए.
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गर्भावस्था के दौरान नाभि में होने वाले बदलाव
गर्भावस्था के दौरान नाभि में निम्न तरह के बदलाव नजर आ सकते हैं -
नाभि का बाहर की ओर उभरना
गर्भावस्था के दौरान नाभि का बाहर की ओर उभरना सामान्य है. भले ही प्रेगनेंसी से पहले महिला की नाभि सामान्य या अंदर की तरफ रही हो, लेकिन गर्भावस्था के दौरान पेट के बढ़ने से नाभि बाहर की ओर आ सकती है. आमतौर पर ऐसा अस्थायी होता है और डिलीवरी के बाद नाभि अपने सामान्य आकार में आ जाती है. बस इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि बाहर की तरफ निकली नाभि अम्बिलिकल हर्निया तो नहीं है. अम्बिलिकल हर्निया होने पर निम्न प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं -
- नाभि के आसपास एक नरम गांठ महसूस हो सकती है, जो लेटते समय अक्सर अधिक उभरी हुई दिखाई देती है.
- नाभि के आसपास हल्का दर्द हो सकता है.
- झुकते हुए, छींकते हुए या खांसते वक्त दर्द बढ़ सकता है.
अगर ऐसा कुछ महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर को इस बारे में बताना चाहिए.
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नाभि का समतल होना
यह नाभि में बदलाव का एक और प्रकार है. जैसे-जैसे गर्भवती का पेट बच्चे के साथ फैलता है, तो देखा जा सकता है कि गर्भवती की नाभि चपटी हो गई है और थोड़ा खिंची हुई नजर आ सकती है. ऐसा होना सामान्य है और शिशु के जन्म के बाद नाभि अपने सामान्य आकार में आ जाती है.
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नाभि में खुजली होना
गर्भावस्था के दौरान नाभि के आसपास की त्वचा में खुजली होना आम है. जैसे-जैसे त्वचा खिंचती है, उसमें जलन, संवेदनशीलता और खुजली जैसी समस्या हो सकती है. यह आमतौर पर अस्थायी और सामान्य होता है. अपनी त्वचा को साबुन और पानी से साफ रखें और कुछ राहत के लिए डॉक्टर से पूछकर लोशन या क्रीम लगाएं. अगर समस्या अधिक हो और खुजली की समस्या नाभि के अलावा, पेट व कमर की त्वचा पर भी हो, तो बेहतर है कि इस बारे में डॉक्टर की सलाह लें.
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नाभि में दर्द होना
कुछ गर्भवती महिलाओं को नाभि के अंदर दर्द महसूस हो सकता है. ऐसा पेट की त्वचा में खिंचाव के कारण हो सकता है या मांसपेशियों की समस्या हो सकती है. हमेशा अपने डॉक्टर को दर्द की सूचना दें. ज्यादातर मामलों में यह अस्थायी होता है, क्योंकि पेट में खिंचाव होता है. अगर महिला तेज दर्द का अनुभव करती है, जो चुभने जैसा लगे और एक मिनट के बाद भी दूर नहीं होता है, तो इस बारे में तुरंत अपने अपने डॉक्टर की सलाह लें.
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सारांश
ध्यान रहे कि प्रेगनेंसी के दौरान नाभि में होने वाले बदलाव सामान्य है और यह किसी प्रकार की सेहत संबंधी समस्या नहीं है. इसलिए, इसे लेकर चिंता न करें और अगर कभी कोई असुविधा महसूस हो, तो डॉक्टर से बात करने में हिचकिचाए नहीं. नाभि में आया किसी भी तरह का दर्द रहित बदलाव सामान्य माना गया है, जो डिलीवरी के बाद अपने आप ठीक हो सकता है.
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प्रेग्नेंसी में नाभि में क्या बदलाव आता है? के डॉक्टर

Dr. Ayushi Gandhi
प्रसूति एवं स्त्री रोग
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Dr. Anjali
प्रसूति एवं स्त्री रोग
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Dr.Anuja Ojha
प्रसूति एवं स्त्री रोग
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