ट्विन-ट्विन ट्रांसफ्यूजन सिंड्रोम क्या है?
ट्विन-ट्विन ट्रांसफ्यूजन सिंड्रोम (टीटीटीएस) एक दुर्लभ विकार है। गर्भ में आइडेंटिकल ट्विन यानी एक समान दिखने वाले जुड़वा बच्चे, जिनमें एक जैसे डीएनए या जीन होते हैं, उन्हें यह विकार हो सकता है। यह गर्भनाल से जुड़ी दुर्लभ बीमारी है। गर्भावस्था के दौरान गर्भनाल से ही भ्रूण को पोषण मिलता है।
जुड़वा बच्चों के विकास के दौरान, भ्रूण में रक्त वाहिकाएं होती हैं जो गर्भनाल से रक्त का प्रवाह करती हैं। सामान्य मामलों में, इन वाहिकाओं के जरिए रक्त का प्रवाह ठीक तरह से होता है, लेकिन इस बीमारी में भ्रूण तक रक्त का प्रवाह असमान रूप से होने लगता है।
ऐसे में किसी एक भ्रूण तक अधिक मात्रा में खून प्रवाहित होता है, जबकि दूसरे भ्रूण तक खून की आपूर्ति कम होती है। जिस भ्रूण में रक्त प्रवाह कम हो रहा है, उसे डोनर कहा जाता है एवं अधिक रक्त प्रवाह लेने वाले भ्रूण को रेसिपिएंट कहा जाता है।
यह स्थिति खतरनाक होती है क्योंकि इसमें जिस भ्रूण में ज्यादा मात्रा में खून पहुंच रहा है उसके हृदय और रक्त वाहिकाओं पर लगातार दबाव पड़ता है, जिसके कारण उसका हार्ट फेल हो सकता है। वहीं दूसरी ओर, जिस भ्रूण में रक्त प्रवाह कम हो रहा है उसे जानलेवा बीमारी जैसे एनीमिया, पोषण की कमी और ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। टीटीटीएस नामक यह स्थिति गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय, यहां तक कि डिलीवरी के दौरान भी हो सकती है।
हर मामले में ट्विन-ट्विन ट्रांसफ्यूजन सिंड्रोम की गंभीरता अलग होती है। टीटीटीएस की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि गर्भावस्था के दौरान यह सिंड्रोम कब हुआ है, इसका निदान कब किया गया और इसका उपचार क्या हो सकता है। वैसे तो इस सिंड्रोम का कारण अभी पूरी तरह से समझ नहीं आ पाया है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि इसमें गर्भनाल से जुड़ी कोई दिक्कत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।