एटॉपिक डर्मेटाइटिस - Atopic Dermatitis in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

September 26, 2018

April 13, 2021

एटॉपिक डर्मेटाइटिस
एटॉपिक डर्मेटाइटिस

एटॉपिक डर्मेटाइटिस क्या है?

एटोपिक डर्मेटाइटिस (एक तरह का एक्जिमा) एक ऐसी स्थिति है जो आपकी त्वचा को लाल बना देती है जिसमें बहुत खुजली होती है। यह बच्चों में आम है लेकिन किसी भी उम्र में हो सकता है। एटोपिक डर्मेटाइटिस लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है जो समय-समय पर गंभीर हो जाती है। यह अस्थमा या "हे फीवर" के साथ हो सकता है।

(और पढ़ें - एक्जिमा का इलाज)

एटोपिक डर्मेटाइटिस के लिए अब तक कोई इलाज नहीं मिला है। लेकिन उपचार कराके और खुद देखभाल करके आप खुजली से छुटकारा पा सकते हैं और नए प्रकोपों ​​को रोक सकते हैं। जैसे, त्वचा पर कठोर होने वाले साबुनो से बचें, नियमित रूप से अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज करें डॉक्टर से पूछ कर क्रीम और मलहम लगाएं। 

(और पढ़ें - मॉइस्चराइजर क्या है)

एटोपिक डर्मेटाइटिस के लक्षण - Atopic Dermatitis Symptoms in Hindi

एटॉपिक डर्मेटाइटिस के लक्षण क्या हैं?

एटॉपिक डर्मेटाइटिस के लक्षण व्यक्ति पर निर्भर करते हैं। वो हर किसी में अलग हो सकते हैं। इसके निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं :

  • खुश्क त्वचा 
  • खुजली होना जो रात को बढ़ जाए (और पढ़ें - खुजली दूर करने के घरेलू उपाय)
  • भूरे रंग के पैच जो विशेष रूप से हाथों, पैरों, टखने, कलाई, गर्दन, ऊपरी छाती, पलकें, कोहनी और घुटनों के ढके हुए हिस्से में हों, और शिशुओं में चेहरे और खोपड़ी पर हो 
  • छोटे फोड़े जिनको खरोंचने पर तरल पदार्थ निकलता है और परत सख्त हो जाती है (और पढ़ें - बालतोड़ का इलाज)
  • त्वचा मोटी हो जाती है और फट जाती है 
  • खरोंचने से त्वचा नरम, संवेदनशील और सूज जाती है 

(और पढ़ें - सूजन का इलाज)

एटॉपिक डर्मेटाइटिस आमतौर पर 5 साल की उम्र से पहले शुरू होता है और किशोरावस्था और वयस्कता में बना रहता है। कुछ लोगों में, यह कभी-कभी बढ़ता है और फिर कई वर्षों के लिए साफ हो जाता है।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

अगर आपके बच्चे को निम्नलिखित में से कोई समस्या है तो डॉक्टर को दिखाएं :

  • आपके बच्चे को बहुत अधिक परेशानी हो रही है जिससे उसकी नींद और दैनिक कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है
  • उसे त्वचा में संक्रमण है- लाल या पीली त्वचा या उससे पस निकलना (और पढ़ें - त्वचा के संक्रमण का इलाज)
  • घरेलू उपाय इस्तेमाल करने के बाद भी लक्षण दिख रहे हैं 

अगर आपके बच्चे में संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं या उसे बुखार है तो डॉक्टर से संपर्क करें।

(और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज)

एटोपिक डर्मेटाइटिस के कारण - Atopic Dermatitis Causes and risk factors in Hindi

एटॉपिक डर्मेटाइटिस के कारण क्या हैं?

स्वस्थ त्वचा नमी को बनाए रखने में मदद करती है और आपको बैक्टीरिया और अन्य एलर्जी से बचाती है। एक्जिमा एक जीन में बदलाव होने के कारण होता है। उस बदलाव से त्वचा की सुरक्षा प्रदान करने की योग्यता में कमी आ जाती है। इससे आपकी त्वचा पर्यावरणीय कारकों, परेशानियों और एलर्जी से प्रभावित हो सकती है। (और पढ़ें - एलर्जी टेस्ट कैसे होता है)

कुछ बच्चों में, खाने से एलर्जी के कारण भी एक्जिमा हो सकता है। 

अगर आपके परिवार में किसी को एक्जिमा, एलर्जी, हे फीवर या अस्थमा है तो आपको एटॉपिक डर्मेटाइटिस होने का जोखिम है। 

(और पढ़ें - अस्थमा का इलाज)

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एटोपिक डर्मेटाइटिस से बचाव - Prevention of Atopic Dermatitis in Hindi

टॉपिक डर्मेटाइटिस से बचाव कैसे करें?

निम्नलिखित युक्तियां त्वचा रोग को रोकने में मदद कर सकती हैं और स्नान से त्वचा के सूखने के प्रभाव को कम कर सकती हैं:

  • कम समय के लिए स्नान या शावर लें-
    अपने स्नान और शॉवर को 10 से 15 मिनट तक सीमित करें। नहाने के लिए अधिक गर्म पानी का इस्तेमाल न करें। (और पढ़ें - गर्म पानी से नहाने के फायदे)

  • स्थिति को खराब करने वाली चीज़ों की पहचान करें और उनसे बचने का प्रयास करें-
    पसीना, तनाव, मोटापा, साबुन, डिटर्जेंट, धूल और पराग त्वचा की स्थिति को खराब कर सकते हैं। इन चीजों से बचने की कोशिश करें। शिशुओं और बच्चों में अंडे, दूध, सोया और गेहूं सहित कुछ खाद्य पदार्थ खाने से भी इस बीमारी के लक्षण दिख सकते है। इस खाद्य एलर्जी की पहचान करें और इसके बारे में अपने बच्चें के डॉक्टर से बात करें।

(और पढ़ें - एटॉपिक डर्मेटाइटिस के उपचार)

  • ऐसे साबुनों का प्रयोग करें जो त्वचा पर कोमल हों-
    कोमल साबुन चुनें। खुशबू वाले साबुन और जीवाणुरोधी साबुन अधिक प्राकृतिक तेल निकाल सकते हैं और आपकी त्वचा को सूखा बना सकते हैं। (और पढ़ें - रूखी त्वचा का उपाय)

  • नहाने के बाद अपने आप को ध्यान से सुखाएं-
    स्नान करने के बाद अपनी त्वचा को मुलायम तौलिए से सूखाएं और मॉइस्चराइजर लगाएं। (और पढ़ें - तैलीय त्वचा के लिए मॉइस्चराइजर)

  • दिन में कम से कम दो बार अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज करें-
    क्रीम, मलहम और लोशन त्वचा में नमी बनाए रखते हैं। ऐसे उत्पाद चुनें जो आपके लिए अच्छा काम करते है। अपने बच्चे की त्वचा पर पेट्रोलियम जेली का उपयोग करें, उससे एटॉपिक डर्मेटाइटिस के विकास को रोकने में मदद मिल सकती है।

एटोपिक डर्मेटाइटिस का परीक्षण - Diagnosis of Atopic Dermatitis in Hindi

एटॉपिक डर्मेटाइटिस का परीक्षण कैसे कराएं?

एटॉपिक डर्मेटाइटिस का पता लगाने के लिए किसी लैब टेस्ट की आवश्यकता नहीं है। आपके डॉक्टर आपकी त्वचा और पूर्व चिकित्सकीय स्थिति को देख कर एटॉपिक डर्मेटाइटिस का परीक्षण करते हैं। वह अन्य त्वचा रोगों की संभावना को रद्द करने या आपके एक्जिमा के साथ हो रही अन्य परेशानियों की पहचान करने के लिए पैच परीक्षण या अन्य परीक्षणों का भी उपयोग कर सकते हैं।

यदि आपको लगता है कि एक निश्चित प्रकार का भोजन आपके बच्चे की एलर्जी का कारण हो सकता है, तो डॉक्टर को बताएं और जिस खाने से एलर्जी हो रही है उसकी पहचान करने के बारे में पूछें।

(और पढ़ें - एलर्जी होने पर क्या होता है)

एटोपिक डर्मेटाइटिस का इलाज - Atopic Dermatitis Treatment in Hindi

एटॉपिक डर्मेटाइटिस का इलाज क्या है?

एटोपिक डार्माटाइटिस बार-बार हो सकता है। इसे नियंत्रित करने के लिए आपको महीनों या सालों तक विभिन्न उपचार करने पड़ सकते हैं। यदि उपचार सफल होता है, तब भी संकेत और लक्षण वापस आ सकते हैं।

इस स्थिति को जल्दी पहचानना आवश्यक है ताकि आप उपचार लेना शुरू कर सकें। यदि नियमित मॉइस्चराइजिंग और अन्य खुद देख-भाल करने के तरीके मदद नहीं करते हैं, तो आपके डॉक्टर निम्न में से एक या अधिक उपचार सुझा सकता है:

दवाइयां:

  • संक्रमण से लड़ने के लिए दवाएं:
    यदि आपकी त्वचा में जीवाणु संक्रमण, त्वचा में दर्द या दरारें हैं तो आपके डॉक्टर एंटीबायोटिक क्रीम लिख सकते है। वह संक्रमण का इलाज करने के लिए थोड़े समय के लिए मौखिक ली जाने वाली एंटीबायोटिक दवा की सलाह दे सकते हैं। (और पढ़ें - एंटीबायोटिक क्या है)
     
  • मौखिक दवाएं जो सूजन को नियंत्रित करती हैं:
    अधिक गंभीर मामलों के लिए, आपके डॉक्टर मौखिक ली जाने वाले कॉर्टिकोस्टेरॉइड दे सकते हैं। ये दवाएं प्रभावी हैं लेकिन बाद में होने वाले गंभीर दुष्प्रभावों के कारण लंबे समय तक इनका उपयोग नहीं किया जा सकता है।
     
  • ​क्रीम जो खुजली को नियंत्रित करती हैं और त्वचा को ठीक करने में मदद करती है:
    आपके डॉक्टर कॉर्टिकोस्टेरॉयड (corticosteroid) क्रीम या मलम लगाने के लिए बता सकते हैं। मॉइस्चराइज करने के बाद इसे निर्देशानुसार लगा लें। इस दवा का अत्यधिक उपयोग करने से साइड इफेक्ट स्वरुप त्वचा पतली हो सकती है।

    "कैल्सीन्यूरिन इनहिबिटर" (calcineurin inhibitors) नामक दवाइयों वाली अन्य क्रीम - जैसे "टैक्रोलिमस"(प्रोटोपिक) और "पायमक्रोलिमस"(एलीडल) आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं। त्वचा के संक्रमण का इलाज करने के लिए इनका उपयोग 2 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही करना चाहिए। मॉइस्चराइज करने के बाद इसे निर्देशित रूप से लगाएं। इन उत्पादों का उपयोग करते समय सूरज की तेज किरणों से बचें। (और पढ़ें - जॉक खुजली का इलाज)
     
  • गंभीर एक्जिमा के लिए नया विकल्प
    खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने हाल ही में "डुप्लीमाब"(डुप्लिकेंट) नामक एक नए इंजेक्शन से शरीर में डालने वाले जीव (मोनोक्लोनल एंटीबॉडी) को मंजूरी दे दी है। इसका उपयोग गंभीर बीमारी वाले लोगों के इलाज करने के लिए किया जाता है जो अन्य उपचार करने से ठीक नहीं होते। यह एक नई दवाई है, इसलिए अभी इतनी अच्छी तरह नहीं पता है कि ये लोगों की कितनी सहायता करती है। अध्ययन से पता चला है कि अगर बताए गए तरीके से इसे इस्तेमाल किया जाए तो इसका अच्छा असर दिख सकता है। यह बहुत महंगा इलाज है। (और पढ़ें - इंजेक्शन कैसे लगाये)

थेरेपी:

  • लाइट थेरेपी: 
    यह उपचार उन लोगों के लिए उपयोग किया जाता है जो टॉपिकल इलाज करने से ठीक नहीं होते या फिर उन्हें ये परेशानी इलाज के बाद फिर हो जाती है। लाइट थेरेपी (फोटोथेरेपी) का सबसे आसान रूप त्वचा को प्राकृतिक सूरज की रोशनी की नियंत्रित मात्रा में रखना है। अन्य तरीके हैं अल्ट्रावायलेट ए (यूवीए) और संकीर्ण अल्ट्रावायलेट बी (यूवीबी) का या तो अकेले या दवाइयों के साथ उपयोग करते हैं।

    ये उपचार असरदार होता है परन्तु अधिक समय तक इनका उपयोग करने से त्वचा को हानि पहुंचती है। जिनमें समय से पहले त्वचा में झुर्रियां पड़ जाना और त्वचा का कैंसर होने का जोखिम शामिल हैं। इन कारणों से, छोटे बच्चों में फोटोथेरेपी का कम इस्तेमाल होता है और शिशुओं में बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाता। थेरेपी के फायदे और नुकसान के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। (और पढ़ें - लाइट थेरेपी क्या है)

  • काउंसलिंग: 
    एक चिकित्सक या अन्य काउंसलर से बात करके उन लोगों को मदद मिल सकती है जो अपनी त्वचा की स्थिति से शर्मिंदा या निराश हैं।

  • आराम, व्यवहार में बदलाव और बायोफीडबैक:
    ये उपचार उन लोगों के फायदेमंद है जिन्हें अपनी त्वचा पर खुजली करने की आदत है। (और पढ़ें - मनोचिकित्सा क्या है)

  • गीले ड्रेसिंग:
    गंभीर एटॉपिक डार्माटाइटिस के लिए प्रभावित हिस्से को "टोपिकल कॉर्टिकोस्टेरॉयड" और गीली पट्टी से लपेटना जरूरी है। कभी-कभी यह उन लोगों के लिए अस्पताल में किया जाता है जिनका घाव फैल गया हो क्योंकि इसको करने में मेहनत लगती है और नर्सिंग में विशेषज्ञता चाहिए होती है। या, घर पर इस तकनीक को करने के तरीके के बारे में अपने डॉक्टर से पूछें। (और पढ़ें - घाव की मरहम पट्टी कैसे करे)

शिशुओं में:

बच्चों में एक्जिमा का उपचार निम्नलिखित प्रकार से होता है:

  • त्वचा में परेशानियों के कारण की पहचान करना और उससे परहेज करना
  • ज़्यादा गर्मी से बचना 
  • अपने बच्चा की त्वचा पर नहाते समय तेल, क्रीम या कोई मलहम लगाना 

यदि इन उपायों से दाद में सुधार नहीं होता है या दाद में संक्रमण हो जाता है तो अपने बच्चे के डॉक्टर को दिखाएं। आपके बच्चे के दाद को नियंत्रित करने या संक्रमण का इलाज करने के लिए किसी दवाई की आवश्यकता हो सकती है। आपके डॉक्टर खुजली को कम करने और नींद लाने के लिए एंटीहिस्टमीन दे सकते हैं। जो रात के समय होने वाली खुजली और असुविधा के लिए सहायक हो सकती है। (और पढ़ें - दाद के घरेलू उपाय

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एटोपिक डर्मेटाइटिस के जोखिम और जटिलताएं - Atopic Dermatitis complications in Hindi

एटॉपिक डर्मेटाइटिस की जटिलताएं क्या हैं?

एटॉपिक डर्मेटाइटिस की जटिलताएं निम्नलिखित हैं :

(और पढ़ें - धूल से एलर्जी का इलाज)

  • एलर्जी संपर्क से त्वचा रोग-
    एटॉपिक डर्मेटाइटिस वाले लोगों में यह आम समस्या है। (और पढ़ें - चर्म रोग ठीक करने के उपाय)

  • नींद की समस्याएं-
    सोते समय बार-बार खुजली करने की वजह नींद खराब होती है। (और पढ़ें - अच्छी नींद के उपाय)

  • त्वचा संक्रमण-
    बार-बार खरोंचने से त्वचा फट जाती है जिससे घाव हो जाते हैं। ये हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस सहित बैक्टीरिया और वायरस से भी संक्रमण का खतरा बढ़ाता है। (और पढ़ें - वायरल इन्फेक्शन का इलाज)

  • अस्थमा और हे फीवर-
    कभी-कभी एटॉपिक डर्मेटाइटिस के बाद अस्थमा और हे फीवर हो सकता है। एटॉपिक डर्मेटाइटिस से पीड़ित आधे से ज्यादा बच्चों को 13 साल की उम्र में अस्थमा या हे फीवर हो जाता है। (और पढ़ें - अस्थमा में क्या खाना चाहिए)

  • पहले से खुजली वाली या खुश्क त्वचा-
    "न्यूरोडर्माटाइटिस"(neurodermatitis) नामक एक त्वचा का विकार खुजली वाली त्वचा के एक पैच से शुरू होता है। अगर आप इस हिस्से को खरोंचते हैं तो उससे आपकी त्वचा में और अधिक खुजली होना शुरू हो जाती है। धीरे-धीरे आपको खरोंचने की आदत पड़ जाती है। इस वजह से, प्रभावित त्वचा विकृत, मोटी और चमड़े जैसी बन जाती है।



संदर्भ

  1. David Boothe W, Tarbox JA, Tarbox MB. Atopic Dermatitis: Pathophysiology. Adv Exp Med Biol. 2017;1027:21-37. PMID: 29063428
  2. Journal of Clinical Investigation. New insights into atopic dermatitis. American Society for Clinical Investigation. [internet].
  3. National institute of allergy and infectious diseases. Eczema (Atopic Dermatitis). National Institutes of Health. [internet].
  4. National Institute of Arthritis and Musculoskeletal and Skin Diseases. Atopic Dermatitis. U.S. Department of Health and Human Services Public Health Service.
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Atopic Dermatitis

एटॉपिक डर्मेटाइटिस की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Atopic Dermatitis in Hindi

एटॉपिक डर्मेटाइटिस के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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