बिस्तर गीला करना (बेड वेटिंग) क्या है?
सोते समय अनैच्छिक रूप से मूत्र का निकलना (मूत्र असंयम) को बिस्तर गीला करना (बेड वेटिंग) कहते हैं।
बेड वेटिंग को चिकित्सकीय भाषा में "रात्रिकालीन निरंकुश शैय्या मूत्र" कहा जाता है।
महिलाओं की तुलना में पुरुषों में बिस्तर गीला करने की दोगुनी संभावनाएं होती है।
बेड वेटिंग के दो प्रकार हो सकते हैं –
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प्राथमिक एनुरेसिस – बचपन से बिस्तर गीला करना।
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माध्यमिक एनुरेसिस – कम से कम छह महीने लगातार रात में बिना बिस्तर गीला किये बिताने के बाद यह बीमारी उत्पन्न होना।
बचपन से बिस्तर गीला करना प्राथमिक बेड वेटिंग (Bedwetting) कहलाता है। प्राथमिक बेड वेटिंग तंत्रिका तंत्र (nervous system) के देर से परिपक्व होने की वजह से होता है। यह मूत्राशय द्वारा सोये हुए मस्तिष्क को भेजे गए संदेशों को पहचानने में होने वाली असमर्थता है।
प्राथमिक बेड वेटिंग के लिए इलाज है - बच्चे को थोड़े-थोड़े समय बाद पेशाब कराने ले जाएं।
चिकित्सकीय और व्यावहारिक विकल्पों सहित कई व्यवधान हैं।
कम से कम छह महीनों के लिए रात में सूखा रहने के बाद बिस्तर गीला करना शुरू होना माध्यमिक बेड वेटिंग कहलाता है। यह मूत्र संक्रमण, मधुमेह और अन्य चिकित्सकीय स्थितियों के कारण होता है।
बच्चे को दिए जाने वाले शौच प्रशिक्षण के दौरान उसके द्वारा बिस्तर गीला करना एक ख़राब लक्षण नहीं है। यह अक्सर बच्चे के विकास का सिर्फ एक सामान्य हिस्सा होता है। सभी प्रकार के बेड वेटिंग का प्रबंधन किया जा सकता है। मार्गदर्शन के लिए हमेशा बच्चे के चिकित्सक से बात करें।
(और पढ़ें - मूत्र असंयमिता का इलाज)