हाथ की स्किन क्यों फटती है? - What does hand skin get chapped in Hindi
उम्र के साथ त्वचा स्वाभाविक रूप से पतली और शुष्क होने लगती है. सूरज की किरणों, हवा और अन्य तत्वों का त्वचा के स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ता है.
त्वचा विशेषज्ञ और कोलोराडो विश्वविद्यालय में डर्माटोलोजी के क्लीनिकल प्रोफेसर, डॉ बारबरा रीड का कहना है कि कुछ लोग गंभीर शुष्क त्वचा के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं. वहीं कुछ लोगों की त्वचा नैचुरल ऑयल का कम उत्पादन करती है. साथ ही कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनकी त्वचा कैमिकल्स के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं. सोरायसिस, एक्जिमा या स्किन एलर्जी वाले लोगों की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है जो कि प्रिजर्वेटिव्स और फ्रेगरेंस जैसे कैमिकल्स पर तुरंत रिएक्ट करती है. इऩ कारणों से त्वचा में क्रैक्स, रैशेज और सूखापन आ जाता है.
आमतौर पर हाथ फटने के साथ ही कई लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं. हाथ फटने के कारणों को पता लगाने के लिए इन लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है तभी सही कारण जान सकते हैं, जैसे -
शुष्क त्वचा
रूखी त्वचा या ज़ेरोसिस (xerosis) त्वचा के फटने का सबसे आम कारण है. आमतौर पर चिकनी और हाइड्रेटेड त्वचा नैचुरल ऑयल को बरकरार रखती है जिससे त्वचा शुष्क नहीं होती. यदि आपकी त्वचा में नैचुरल ऑयल पर्याप्त मात्रा में नहीं होता, तो त्वचा नमी खो देती है. इस वजह से हाथों और शरीर के अन्य हिस्सों की त्वचा रूखी, बेजान और सिकुड़ जाती है, साथ ही त्वचा फटने लगती हैं. (और पढ़ें - रूखी त्वचा के लिए क्रीम)
शुष्क त्वचा कई कारणों से हो सकते हैं, जैसे -
- सर्द मौसम - सर्दियों में कम नमी और ठंडा तापमान हाथ की त्वचा को रूखा बना सकती है.
- कैमिकल्स - डिश सोप और लॉन्ड्री डिटर्जेंट जैसे कई उत्पादों में हार्ड कैमिकल्स होते हैं जो हाथों की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं और उसे शुष्क बना सकते हैं.
- तेज गर्म पानी - गर्म पानी में नहाने या बर्तन धोने के लिए तेज गर्म पानी हाथों की त्वचा की नमी को कम कर सकता है.
- दवाइयां - हाथों के फटने और सूखेपन का कारण कुछ दवाओं जैसे रेटिनोइड्स के साइड इफेक्ट के कारण हो सकता है.
- जरूरत से ज्यादा नमी - हाथों को लगातार गीला रखने या बहुत पसीना आने से भी हाथ में जलन और रूखापन आ सकता है.
एक्जिमा
ये त्वचा की एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा में रेडनेस और खुजली होती है. इस समस्या को एटोपिक डर्मेटाइटिस (atopic dermatitis) भी कहते हैं. एक्जिमा आमतौर पर चेहरे, हाथों और घुटनों के पीछे के हिस्से को प्रभावित करता है. एक्जिमा में स्किन बहुत ज्यादा ड्राई हो जाती है जो कि त्वचा के फटने का अहम कारण है.
सोरायसिस
सोरायसिस इम्यून डिसफंक्शन का एक डिसऑर्डर है जिसमें त्वचा की कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती है. अधिक मात्रा में बढ़ी हुई कोशिकाएं त्वचा को रूखा बनाती है और इससे त्वचा फटने लगती है. सोरायसिस त्वचा के किसी भी भाग में हो सकता है. इस दौरान त्वचा पर रेड पैचेस पड़ते हैं और कुछ मामलों में खुजली भी होने लगती है.
केराटोलिसिस एक्सफोलिएटिवा
केराटोलिसिस एक्सफ़ोलीएटिवा (Keratolysis exfoliativa) होने पर हाथों और पैरों की त्वचा छिलने लगती हैं. यह आमतौर पर हथेलियों को प्रभावित करता है, लेकिन यह पैरों के तलवों पर भी दिखाई दे सकता है. इस स्थिति के दौरान जैसे ही त्वचा की ऊपरी परत छिल जाती है तो त्वचा अपना नैचुरल बैरियर खो देती है, जो कि त्वचा के सूखेपन और फटने का कारण बनता है.
(और पढ़ें - फटे होंठ के घरेलू उपाय)