साइनाइड पोइज़निंग क्या हैं?
साइनाइड काफी प्रचलित जहर होता है, हालांकि यह थोड़ा जटिल भी होता है। साइनाइड हर ऐसे केमिकल को कहा जा सकता है, जिसमें कार्बन नाइट्रोजन (CN) मौजूद होता है। यह खाने के कुछ आम पदार्थों में भी पाया जा सकता है। उदाहरण के लिए यह बादाम, बिन्स, सोया और पालक आदि।
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साइनाइड पाइजनिंग के लक्षण क्या हैं?
साइनाइड पाइजनिंग का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, क्योंकि साइनाइड पाइजनिंग से होने वाले प्रभाव व लक्षण गला घुटने जैसे लक्षणों से काफी मिलते-जुलते हैं। साइनाइड की विषाक्तता के कारण कोशिकाएं ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने में असमर्थ हो जाती है, जबकि ऑक्सीजन कोशिकाओं को जीवित रहने के लिए बहुत जरूरी होती है।
साइनाइड पाइजनिंग के कुछ लक्षण काफी हद तक अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने से होने वाले लक्षणों के जैसे होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सामान्य रूप से कमजोरी महसूस होना (और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के घरेलू उपाय)
- उलझन महसूस होना
- अजीब सा व्यवहार होना,
- गहरी नींद आना (और पढ़ें - ज्यादा नींद आने का कारण)
- सांस फूलना
- सिरदर्द (और पढ़ें - सिरदर्द से राहत पाने का तरीका)
- सिर घूमना
- उल्टी आना
- पेट में दर्द (और पढ़ें - पेट दर्द के घरेलू उपाय)
- मिर्गी के दौरे
- कोमा
साइनाइड पाइजनिंग के कुछ गंभीर मामलों में शरीर में जहर तेजी से फैलता है, जिससे रोगी का हृदय तुरंत प्रभावित होता है और उसको दिल का दौरा पड़ जाता है। इस स्थिति में मरीज का मस्तिष्क भी प्रभावित होता है, जिससे मरीज कोमा में चला जाता है व उसे मिर्गी का दौरे पड़ने लगते हैं।
साइनाइड पाइजनिंग क्यों होती है?
जब इंडस्ट्री से निकलने वाले कुछ प्रकार के धुएं सांस के साथ शरीर के अंदर चले जाते हैं, तो इस स्थिति के परिणामस्वरूप साइनाइड पाइजनिंग हो जाती है। इनमें मुख्य रूप से पोलिमर उत्पादों के जलने से निकलने वाले धुएं शामिल है, जैसे विनाइल और पोनलियूरेथीन आदि।
यह नाइट्रोप्रसाइड के नाइट्रिक ऑक्साइड और साइनाइड में टूटने के कारण भी हो सकता है। नाइट्रोप्रसाइड का उपयोग आमतौर पर हाई बीपी से ग्रस्त लोगों का इलाज करने के लिए किया जाता है।
इसके अलावा साइनाइड जहर का उपयोग कई प्रकार के कीटनाशकों व कीड़े मारने वाली दवाओं में किया जाता है। साइनाइड तंबाकू के धुएं और घरों में लगी आग से निकलने वाले धुएं में भी होता है।
इसके अलावा यह कई खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है, जैसे बादाम, खुबानी, सेब, लाइमा बीन्स, सोया, पालक और संतरा आदि।
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साइनाइड पाइजनिंग का इलाज कैसे किया जाता है?
साइनाइड पाइडनिंग के मामलों का इलाज करने के लिए सबसे पहला काम यह पता लगाना होता है, कि पीड़ित व्यक्ति कहां से जहरीले पदार्थ के संपर्क में आया है। ऐसा पता लगाने से डॉक्टर को स्थिति के अनुसार उचित इलाज करने में मदद मिल जाती है।
यदि आपने साइनाइड निगल लिया है, तो इलाज के दौरान डॉक्टर आपको एक विशेष प्रकार का चारकोल दिया जाता है। यह विशेष चारकोल आपके शरीर के अंदर साइनाइड को अवशोषित कर लेता है और सुरक्षित रूप से शरीर से बाहर निकाल देता है।
साइनाइड पाइजनिंग से शरीर के द्वारा ऑक्सीजन का उपयोग करने की क्षमता खत्म हो जाती है, इसलिए डॉक्टर ऑक्सीजन मास्क या एंडोट्रेकियल ट्यूब की मदद से पीड़ित व्यक्ति को पर्याप्त ऑक्सीजन देते हैं।
कुछ गंभीर मामलों में डॉक्टर आपको इसके एंटीडॉट्स भी दे सकते हैं, जैसे:
- साइनाइड एंटीडॉट किट
- हाइड्रोक्सोकोबालामिन (साइनोकिट)
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