साइटोमेगालो वायरस क्या है?
साइटोमेगालोवायरस (सीएमवी) एक ऐसा वायरस है जो गर्भावस्था के दौरान मां से बच्चे में फैल जाता है। सीएमवी आमतौर पर एक हानिरहित संक्रमण है और इससे स्वास्थ्य समस्याएं बेहद कम होती हैं।
साइटोमेगालो वायरस के लक्षण क्या हैं?
कई लोग जो स्वस्थ होते हैं, जन्म के बाद सीएमवी होने पर उनमें सिर्फ कुछ ही लक्षण देखने को मिलते हैं और साथ ही लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याएं भी नहीं होती। लेकिन जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है जैसे जिन लोगों में एचआईवी काफी बढ़ गया है या कोई व्यक्ति बहुत बीमार है तो उनमें साइटोमेगालो वायरस बढ़ता चला जाता है। इसके लक्षण कम तीव्र और अन्य बीमारियों के समान हो सकते हैं जैसे थकान, बुखार, ग्रंथि में सूजन आदि।
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साइटोमेगालो वायरस क्यों होता है?
सीएमवी वायरस से संबंधित होता है जिसके कारण चिकन पॉक्स, हर्पीस सिम्पलेक्स और मोनोन्यूक्लिओसिस (Mononucleosis) होता है। जब सीएमवी वायरस आपके शरीर में मौजूद होते हैं तो ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंच सकता है। यह संक्रमण छूने या हवा के द्वारा नहीं फैल सकता है। संक्रमण शरीर के तरल पदार्थ के जरिये फैलता है जैसे खून, मूत्र, लार, स्तनपान, आंसू, सीमेन और योनि द्रव। साइटोमेगालोवायरस से बचने के लिए अपने हाथों को समय-समय पर धोते रहें। जब आप किसी बच्चे को किस (kiss) करें तो उसके आंसू और लार के सम्पर्क में न आएं। जो व्यक्ति इस संक्रमण से पीड़ित है उसका खाना और पानी पीने का ग्लास अलग रखें। सेक्स करने से पहले सावधनी बरतें आदि।
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साइटोमेगालो वायरस का इलाज कैसे होता है?
डॉक्टर इस संक्रमण की जांच करने के लिए ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट करेंगे। उदहारण के तौर पर, सेरोलॉजिकल टेस्ट आपकी एंटीबॉडी की जांच करता है, इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का पता चलेगा कि वो सही तरह से इस सक्रमण से लड़ रही हैं या नहीं। डॉक्टर बायोप्सी भी कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य कई टेस्ट से भी इस इन्फेक्शन की जांच हो सकती है। अगर आपको साइटोमेगालोवायरस के कारण रेटिनाइटिस (Retinitis) है तो आपके डॉक्टर आपको कुछ हफ्ते तक इंट्रावीनस दवाएं (Intravenous - नसों में दी जाने वाली दवाएं) देंगे, इस प्रक्रिया को इंडक्शन थेरेपी बोलते हैं। कुछ दिनों बाद डॉक्टर आपको खाने की दवाइयां भी दे सकते हैं।
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