प्रलाप - Delirium in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

October 08, 2018

September 13, 2021

प्रलाप
प्रलाप

प्रलाप क्या है?

प्रलाप (डलिरियम) एक मानसिक विकार है जिसमे व्यक्ति उलझन महसूस करता है और उसे अपने आस-पास के वातावरण की समझ नहीं रहती। इसकी शुरुवात अक्सर अचानक होती हैं। इसकी शुरुवात को ज़्यादातर कुछ घंटे या दिन लगते हैं।  

प्रलाप से सम्बंधित एक से अधिक कारक हो सकते हैं जैसे कि गंभीर चिकित्सीय समस्या, दवाएं, संक्रमण, सर्जरी, या ड्रग या शराब का सेवन। 

अक्सर प्रलाप और मनोभ्रंश के लक्षण एक जैसे होते हैं। इसकी जांच के लिए यह ज़रूरी है कि प्रभावित व्यक्ति के परिवार का कोई सदस्य या उसके आस-पास के लोग सही जानकारी दें या डॉक्टर उसका सही तरह से परिक्षण करें। 

 

प्रलाप के लक्षण - Delirium Symptoms in Hindi

प्रलाप के लक्षण कुछ घंटे से कुछ दिन के बीच दिखने लगते हैं। प्रलाप के लक्षण पुरे दिन एक सामान नहीं रहते इसलिए ऐसा भी समय हो सकता है जब एक भी लक्षण न दिखे। इसके मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं -

आस-पास के माहौल की जागरूकता कम होना 

इसके कारण निम्न चीज़ें हो सकती हैं -

  • किसी भी विषय पर ध्यान देने की क्षमता कम होना 
  • एकाग्रता में कमी 
  • प्रश्नों का जवाब न दे पाना और किसी एक ही विषय पर अटक जाना 
  • अनावश्यक चीज़ों पर ध्यान देना 
  • किसी भी गतिविधि का कोई जवाब न देना 

आस-पास के माहौल की समझ कम होना 

इसके लक्षण इस प्रकार से दिख सकते हैं -

  • हाल ही में हुए कार्यों की कमज़ोर याददाश्त (और पढ़ें- दिमाग तेज़ करने के उपाय)
  • कोई कहाँ है और कौन है या क्या समय हो रहा है इसकी समझ न होना 
  • बोलने में और पुराने शब्द याद करने में परेशानी 
  • बड़बड़ाना या उल्टा-सीधा बोलना 
  • बातों को समझने में परेशानी 
  • लिखने और पड़ने में परेशानी 

व्यव्हार में बदलाव 

प्रलाप और मनोभ्रंश 

प्रलाप के लक्षणों का कारण अन्य स्वास्थ समस्याएं भी हो सकती हैं। मनोभ्रंश और प्रलाप के बीच का अंतर बताना मुश्किल होता है। प्रलाप अक्सर उन लोगों को होता है जिन्हें मनोभ्रंश हो। 

मनोभ्रंश में दिमागी कोशिकाओं की क्षति की वजह से व्यक्ति की यादाश्त कमज़ोर हो जाती है और उसकी सोचने की शक्ति कम हो जाती है। मनोभ्रंश का सबसे आम कारण अल्जाइमर रोग होता है। 

प्रलाप और मनोभ्रंश के लक्षणों के कुछ अंतर -

  • शुरुवात - प्रलाप की शुरवात कम समय में हो जाती है हालाकिं मनोभ्रंश को शुरू होने में ज़्यादा समय लगता है। इसके शुरुवाती लक्षण मामूली होते हैं जो समय के साथ बत्तर होते जाते हैं। 
  • एकाग्रता - प्रलाप में व्यक्ति की ध्यान देने की क्षमता और एकाग्रता कम हो जाती है। मनोभ्रंश की शुरुवाती चरण में व्यक्ति ज़्यादातर सजग रहता है। 
  • लक्षणों में उतार-चढ़ाव - प्रलाप के लक्षण पूरे दिन एक सामान नहीं रहते। मनोभ्रंश के लक्षणों की गंभीरता कम या ज़्यादा हो सकती है। लेकिन उनकी याददाश्त और सोचने की शक्ति एक ही स्तर पर बनी रहती है। 

डॉक्टर से कब मिले? 

अगर आपके किसी रिश्तेदार, दोस्त या आस-पास किसी भी व्यक्ति में प्रलाप के लक्षण दिखें तो डॉक्टर से संपर्क करें। अगर किसी व्यक्ति को मनोभ्रंश हो और उसके व्यव्हार और जागरूकता में बदलाव दिखे तो यह प्रलाप के लक्षण हो सकते हैं। जो बूढ़े लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं उनमे प्रलाप का खतरा बढ़ जाता है क्यूंकि प्रलाप के कुछ लक्षण सीधे तौर पर दिखाई नहीं देते जैसे कि आस-पास की गतिविधियों में रूचि कम होना और सही से जवाब न देना। अगर आपको अस्पताल में किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत उस अस्पताल के स्टाफ से संपर्क करें और उन्हें इस समस्या के बारे में सजग करें। 

प्रलाप के कारण - Delirium Causes in Hindi

प्रलाप क्यों होता है?

प्रलाप उस स्तिथि में होता है जब दिमाग की सिग्नल भेजने और प्राप्त करने की क्षमता में क्षति आ जाती है। इस क्षति के कई कारक होते हैं जिसके कारण हमारे दिमाग की गतिविधियों में अवरोध पैदा होने लगता है। 

प्रलाप के कारण पानी की कमी और संक्रमण जैसे कि यू.टी.आई, निमोनिया और त्वचा व् पेट का संक्रमण। कुछ अन्य स्तिथियाँ जो प्रलाप के खतरे को बढाती हैं :

  • मनोभ्रंश 
  • बुढ़ापा 
  • बुखार और मामूली संक्रमण, ज़्यदातर बच्चों में 
  • पहले प्रलाप की समस्या 
  • सुनने या बोलने में परेशानी 
  • असंतुलित पोषण या पानी की कमी 
  • गंभीर, क्रोनिक या समय-समय पर होने वाली बीमारी 
  • अत्यधिक चिकित्सीय समस्याएं 
  • कई सारे ड्रग्स से किये जाने वाला उपचार 
  • ड्रग या शराब का सेवन 

(और पढ़ें - शराब छोड़ने के उपाय)

कई प्रकार की दवाएं आप में प्रलाप के खतरे को बढ़ा सकती हैं जैसे कि :

 

 

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प्रलाप के बचाव के उपाय - Prevention of Delirium in Hindi

जो कारक प्रलाप को बढ़ावा देते हैं उनसे बचाव करना ही प्रलाप से बचने का सबसे बेहतर तरीका है। अस्पताल का खराब वातावरण जैसे की बार-बार मरीज़ के कमरे को बदलना, सर्जरी नुमा उपचार, शोर, कम रौशनी और सूरज की किरणों की कमी, प्रभावित व्यक्ति की उलझन को और बत्तर बना सकती है। 

जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं उनके लिए निम्न उपचार प्रलाप से बचने और उसकी गंभीरता को कम करने में मदद कर सकते हैं :

  • उन्हें ज़्यादा मात्रा में तरल पदार्थ दें 
  • उन्हें कुछ ऐसी चीज़ें दिखाएं जिन्हे वो पहचनते हों 
  • आँखों के चश्मे और सुनने की मशीन का प्रयोग करें 
  • मरीज़ से आम बात-चीत करें जैसे कि मौजूदा जगह और समय के बारे में बातें 
  • उन्हें चलने-फिरने और व्यायाम करने को कहें (और पढ़ें - व्यायाम के फायदे)
  • उनके आस-पास शोर को कम करें और नींद में अवरोध पैदा करने वाली चीज़ों को उनसे दूर रखें 
  • दर्द को कम करने के लिए उचित उपचार करें और नींद की समस्या या तनाव के लिए बिना ड्रग वाला उपचार अपनाएं 

प्रलाप का निदान - Diagnosis of Delirium in Hindi

प्रलाप का परिक्षण करने के लिए डॉक्टर मरीज़ की पुरानी बीमारियों के बारे में सवाल करेंगे, उसकी मानसिक स्तिथि जांचने के लिए कुछ टेस्ट करेंगे और प्रलाप से सम्बंधित कारकों की भी जांच करेंगे। जांच में निम्न चीज़ें की जा सकती हैं :

  • मानसिक स्तिथि की जांच - डॉक्टर मरीज़ की जागरूकता व् ध्यान देने और सोचने की क्षमता की जांच करेंगे। यह जांच आम बात-चीत के माध्यम से हो सकती है। वह इस जांच के लिए ऐसे टेस्ट का प्रयोग कर सकते हैं जो आपकी मानसिक स्तिथि, उलझन, अनुभूति और याददाश्त को जांचते हैं। 
  • शारीरिक या स्नायविक परिक्षण - पानी की कमी, संक्रमण, शराब के सेवन को छोड़ने के बाद के लक्षण व् अन्य समस्याएं जांचने के लिए डॉक्टर मरीज़ का शारीरिक परिक्षण कर सकते हैं। प्रलाप दिल की विफलता या शाव्स तंत्र की विफलता का पहला लक्षण हो सकता है। मरीज़ की आँखों की रौशनी, उसका शारीरिक संतुलन और सजगता जांचने के लिए डॉक्टर स्नायविक परीक्षण भी कर सकते हैं। इससे पता चल सकता है कि कहीं प्रलाप का कारण स्नायविक समस्याएं तो नहीं। 
  • अन्य टेस्ट - अगर परिक्षण या पुराणी बीमारियों के बारे में जानकारी लेने के बाद भी प्रलाप के कारकों का पता नहीं चालता है तो डॉक्टर मरीज़ के रक्त और पेशाब की जांच व् अन्य टेस्ट करवाने को भी कह सकते हैं। अगर तब भी समस्या का परिक्षण न हो पाए तो डॉक्टर ब्रेन-इमेजिंग (एक ऐसी तकनीक जिसके माध्यम से डॉक्टर दमाग की गतिविधियों, संरचना और काम करने की शक्ति की जांच कर पाते हैं) की तकनीक अपना सकते हैं।

(और पढ़ें - लैब टेस्ट)

प्रलाप का उपचार - Delirium Treatment in Hindi

प्रलाप के उपचार के लिए हमे पहले उसके कारकों का इलाज करना होगा। उदाहरण की तौर पर अगर प्रलाप का कारण संक्रमण है तो डॉक्टर पहले संक्रमण का इलाज करने की कोशिश करेंगे। इलाज के दुसरे चरण में मरीज़ के दिमाग को शांत करने के लिए बेहतर वातावरण बनाने की कोशिश की जाती है। 

देख-भाल 

प्रक्रिया आपको सांस लेने की बेहतर हवा, सही में तरल पदार्थ और पोषण, चलने-फिरने को बढ़वा, दर्द के इलाज करने की कोशिश करती है। इस प्रक्रिया में प्रलाप से प्रभावित लोगों को अपने आस-पास के महौल में घुलने-मिलने की कोशिश करवाई जाती है। 

निम्न तरीके इलाज में सहायक हो सकते हैं जैसे कि :

  • व्यक्ति को एकाग्रत रखने के लिए घड़ी और कैलेंडर का इस्तेमाल 
  • व्यक्ति के आस-पास घर जैसा माहौल बनाना 
  • व्यक्ति को आस-पास की गतिविधियों की खबर देना और याद दिलाते रहना 
  • प्रक्रिया में परिवार की हिस्सेदारी 
  • माहौल में बदलाव करने से बचें 
  • रौशनी और शोर को कम रखें और मरीज़ को सोते समय परेशां न करें 
  • दिन की सजगता को सुधरने के लिए कमरे में सही मात्रा में सूरज की किरणे आने दें 
  • सही मात्रा में पोषण कर तरल पदार्थ दें 
  • मरीज़ के झगड़ालू व्यव्हार को कम करने के लिए कमरे में सही रौशनी और संगीत रखें एवं आरामदायक मालिश की तकनीकों का इस्तेमाल करें। 
  • मरीज़ को चलने-फिरने को कहें 
  • देखने के चश्मे और सुनने की मशीन का इस्तेमाल करें 

दवाएं 

डॉक्टर की सलाह से ऐसी दवाओं का उपयोग बंद करदें जो प्रलाप के कारकों को बढ़ावा देती हों। कभी कभी एक दवा व्यक्ति को शांत कर सकती हैं लेकिन उसमे दर, मतिभ्रम, गुस्सा और उलझन की भावनाएं भी उजागर कर सकती है। 

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प्रलाप के जोखिम और जटिलताएं - Delirium Risks & Complications in Hindi

प्रलाप की अवधि कुछ घंटो से लेकर कुछ हफ़्तों या महीनो लम्बी हो सकती है। अगर प्रलाप से सम्बंधित कारकों का इलाज किया जाये तो प्रलाप का इलाज भी, कम समय में आसानी से हो सकता है। 

मरीज़ कितनी जल्दी रिकवर कर पाएगा, यह मरीज़ की प्रलाप से पहले की मानसिक स्तिथि व् उसके स्वास्थ पर निर्भर करता है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति को मनोब्रंश है तो प्रलाप के बाद उसकी सोचने की क्षमता और याददाश्त में कमी आ सकती है। हलाकि जिन लोगों का स्वास्थ बेहतर हो वह पूरी तरह से रिकवर कर सकते हैं। 

जिन लोगों को गंभीर, क्रोनिक बीमारियां हैं उनके लिए प्रलाप से पहले जैसी सोचने और कार्य करने की क्षमता को वापिस लाना मुश्किल हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति को अन्य गंभीर बीमारियां हों तो निम्न स्तिथियाँ बन सकती हैं -

  • व्यक्ति के स्वास्थ में खराबी 
  • सर्जरी के बाद भी रिकवर न कर पाना 
  • अस्पताली चिकित्सा की ज़रूरत 
  • जान जाने का खतरा 


संदर्भ

  1. American Heart Association. What is Venous Thromboembolism (VTE)?. [Internet]
  2. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Delirium
  3. Ramírez Echeverría MdL, Paul M. Delirium. Delirium. StatPearls [Internet]. Treasure Island (FL): StatPearls Publishing; 2019 Jan-
  4. Prinka, Arvind Sharma. Comparative Study of Delirium in Emergency and Consultation Liaison- A Tertiary Care Hospital Based Study in Northern India. J Clin Diagn Res. 2016 Aug; 10(8): VC01–VC05. PMID: 27656535
  5. Dementia Australia. Delirium and dementia . Australia; [Internet]

प्रलाप की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Delirium in Hindi

प्रलाप के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।