बच्चेदानी का कैंसर क्या होता है?
जब गर्भाशय की आंतरिक परत की कोशिकाएं उनके डीएनए में असामान्य बदलाव की वजह से विभाजित होने और बढ़ने लगती हैं, तब गर्भाशय या बच्चेदानी में कैंसर शुरू होता है। समय के साथ ट्यूमर बन जाता है, जिसे हम कैंसर कहते हैं।
गर्भाशय का कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर (जिसे सर्वाइकल कैंसर भी कहा जाता है) दो अलग कैंसर होते हैं।
बच्चेदानी के कैंसर का प्रमुख लक्षण योनि से असामान्य रक्तस्राव या स्पॉटिंग है। एंडोमेट्रियल कैंसर का सही कारण अभी तक अज्ञात है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि एस्ट्रोजन का उच्च स्तर इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है।
बच्चेदानी के कैंसर का उपचार अधिकतर सर्जरी द्वारा ही किया जाता है।
भारत में गर्भाशय कैंसर की स्थिति
एंडोमेट्रियल कैंसर पश्चिमी महिलाओं में अधिक पाया जाता है। हालांकि एक अध्ययन के अनुसार, भारत में यह दर प्रति एक लाख महिलाओं में 4.3 है।
भारत में एंडोमेट्रियल कैंसर होने पर जीवन-दर
उपरोक्त अध्ययन में यह भी पाया गया कि 5 सालों से भारत में एंडोमेट्रियल कैंसर के रोगियों की जीवन दर 92% थी। पांच साल की दर के अनुसार 50 साल से कम उम्र की महिलाओं में (97%), तंबाकू न खाने वाली महिलाओं में (94%), जिनके परिवार में कोई भी कैंसर से ग्रस्त नहीं है उनमें (93%) और जिनका सर्जरी द्वारा इलाज हुआ हो उनमें (95%) महिंलाएं इस रोग से सुरक्षित पाए गए हैं।