कूल्हे की हड्डी के फ्रैक्चर का इलाज कैसे किया जाता है?
कूल्हे की हड्डी के फ्रैक्चर का इलाज ऑपरेशन, रिहैबिलिटेशन और कुछ प्रकार की दवाओं का संयोजन करके किया जाता है।
ऑपरेशन -
कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर के लिए की जाने वाली सर्जरी कई प्रकार की होती हैं, निम्न स्थितियों के अनुसार आपके लिए उचित सर्जरी के प्रकार का चुनाव किया जाता है:
- फ्रैक्चर की जगह और उसकी गंभीरता
- टूटी हुई हड्डी के दोनों सिरे अभी भी रेखा में हैं या दूर-दूर हट गए हैं (डिस्प्लेस्ड फ्रैक्चर)
- आपकी उम्र व अंतर्निहित समस्याएं
ऑपरेशन के तीन विकप होते हैं:
- पार्शल हिप रिप्लेसमेंट (कूल्हे की हड्डी के किसी भाग को बदलने का ऑपरेशन) -
यदि टूटी हुई हड्डी का एक सिरा अपनी जगह से हिल गया है या क्षतिग्रस्त हो गया है तो डॉक्टर इस सर्जरी प्रक्रिया की मदद से टूटे हुऐ हिस्से को कृत्रिम अंग के साथ बदल देते हैं। इस सर्जरी प्रक्रिया का इस्तेमाल आमतौर पर उन लोगों के लिए किया जाता है जिनको किसी प्रकार की शारीरिक समस्या है या जो स्वतंत्र रूप से जीवन नहीं जी सकते।
- टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी (कूल्हे की पूरी हड्डी को बदलने का ऑपरेशन) -
आपकी जांघ के ऊपरी भाग और पेल्विक हड्डी के जोड़ों के सोकेट को एक कृत्रिम अंग के साथ बदल दिया जाता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार पाया गया कि टोटल हिप रिप्लेसमेंट काफी किफायती होती है और इसके परिणाम बेहतर होते हैं व लंबे समय तक रहते हैं।
- पेच का उपयोग करके अंदरूनी मरम्मत करना -
टूटी हुई हड्डियों के दोनों सिरों को पेच की मदद से एक दूसरे से तब तक जोड़ कर रखा जाता है जब तक वे ठीक ना हो जाएं। कभी-कभी पेच के साथ धातु की एक प्लेट भी लगाई जाती है जो जांघ की हड्डी को सहारा देती है।
यदि फ्रैक्चर के दौरान कूल्हे की हड्डी के जोड़ मे खून पहुंचाने वाली सप्लाई क्षतिग्रस्त हो गई है तो डॉक्टर उपरोक्त में से किसी एक सर्जरी का आदेश दे सकते हैं। वृद्ध लोगों में जांघ की हड्डी के ऊपरी भाग (फेमोरल नेक) में फ्रैक्चर के साथ अक्सर लगने वाली चोटें बहुत ही कम मामलों में ठीक हो पाती है क्योंकि इस उम्र में हड्डियों के ठीक होने की संभावनाएं कम होती हैं।
पुनर्वास (रिहैबिलिटेशन) -
सर्जरी के एक दिन के बाद आपको बेड से उठा कर थोड़ा हिलने-डुलने के लिए बाहर ले जाया जा सकता है। फिजियोथेरेपी शुरू में ताकत बढ़ाने के लिए की जाती है। इसके बाद या तो आपको घर पर एक देखभाल करने वाले की जरूरत पड़ सकती है या फिर अस्पताल से किसी देखभाल करने वाले सेंटर में भारती होना पड़ सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको कितनी देखभाल की जरूरत है।
अगर आप घर पर वापिस आ गए हैं तो थेरेपिस्ट आपको जीवन के कुछ व्यक्तिगत कार्य करना सिखाते हैं जैसे टॉयलेट का उपयोग करना, नहाना, कपड़े पहनना और खाना पकाना आदि। यदि आपके थेरेपिस्ट को लगता है कि व्हीलचेयर या वॉकर की मदद से आपके चलने फिरने में कुछ सुधार किया जा सकता है तो वे आपको इन्हें इस्तेमाल करने का सुझाव दे सकते हैं।
दवाएं -
60 या उससे अधिक उम्र वाले वयस्क जिनको हिप फ्रैक्चर है उन में से कुछ लोगों को दो साल के अंदर दूसरा हिप फ्रैक्चर भी हो जाता है। बिसफ़ॉस्फ़ोनेट्स या ओस्टियोपोरोसिस के लिए उपयोग की जाने वाली अन्य दवाओं की मदद से दूसरे हिप फ्रैक्चर के जोखिम कम किये जा सकते हैं। लेकिन इन दवाओं के टेबलेट्स के कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इनसे बचने के लिए डॉक्टर आपको ये दवा नसों के माध्यम से भी दे सकते हैं।
जिन लोगों को किडनी संबंधी समस्याएं हैं उनके लिए आमतौर पर बिसफ़ॉस्फ़ोनेट्स दवाएं नहीं दी जाती। कुछ दुर्लभ मामलों में बिसफ़ॉस्फ़ोनेट्स दवाएं लंबे समय तक लेने के कारण दाढ़ में सूजन या देखने संबंधी समस्या हो सकती है।