फंगल इन्फेक्शन - Fungal Infections in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

July 10, 2017

February 01, 2024

फंगल इन्फेक्शन
फंगल इन्फेक्शन

फंगल इन्फेक्शन क्या है?

फंगल संक्रमण किसी को भी प्रभावित कर सकता है, और शरीर के कई हिस्सों में हो सकता है। किसी खिलाडी को पैर में फंगल इन्फेक्शन (एथलीट फुट), बच्चे को मुंह में फंगल इन्फेक्शन (थ्रश), और किसी महिला को योनि में फंगल संक्रमण केवल कुछ उदाहरण हैं।

विभिन्न प्रकार के कवक (फंगस) फंगल संक्रमण का कारण बन सकते हैं। कुछ मामलों में, कवक जो आमतौर पर आपके शरीर के ऊपर या अंदर नहीं होता, वह संक्रमण का कारण बन सकता है। अन्य मामलों में, कवक जो आम तौर पर आपके शरीर के ऊपर या अंदर मौजूद होते हैं, वे नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

फंगल इन्फेक्शन संक्रामक हो सकता है। वे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं। कुछ मामलों में, आप संक्रमित जानवरों या दूषित मिट्टी या सतहों से बीमारी पैदा करने वाली कवक भी पकड़ सकते हैं।

इस लेख में, हम एक नज़र डालते हैं कि फंगल संक्रमण होने का सबसे अधिक खतरा किसे होता है और कुछ सामान्य प्रकार के फंगल इन्फेक्शन के लक्षण और इलाज के विकल्प क्या हैं।

फंगल इंफेक्शन कितने प्रकार के होते हैं? - Types of Fungal Infections in Hindi

फंगल इन्फेक्शन के कुछ प्रकार निम्नलिखित हैं -

  • एथलीट्स फुट - एथलीट्स फुट पैरों में होने वाला एक आम संक्रमण है। इसमे फंगस (कवक) गर्म, नम वातावरण जैसे जूते, मोजे, स्विमिंग पूल, और सार्वजनिक नमीं वाले पर्यावरण में तेजी से बढ़ते हैं। इसी वजह से यह गर्मियों में और नम जलवायु वाले स्थानों पर मुख्यतः पाए जाते है।
  • स्किन का कैंडिडा इन्फेक्शन - कैंडिडा एलबिकन्स आमतौर पर एक हानिरहित फंगस है जो मुंह, आंत्र पथ और योनि में पाया जाता है। कैंडिडा संक्रमण (जिसे यीस्ट संक्रमण भी कहा जाता है) आमतौर पर त्वचा, मुंह की श्लेष्म झिल्ली, आंतों व योनि को ही प्रभावित करता है। (और पढ़ें - योनि में यीस्ट संक्रमण)
  • दाद - दाद त्वचा का एक आम फंगल इन्फेक्शन है। दाद मुख्य रूप से आपकी त्वचा, सिर की त्वचा, पैरों व जांघ और जन्नांगों के बीच के जुड़ने वाले हिस्से (रान) को प्रभावित करता है। (और पढ़ें - जननांग दाद)
  • नाखून में फंगस होना - नाखून का फंगस एक सामान्य तरह का विकार होता है जो नाखूनों को पीला, चॉक की तरह सफेद, कमजोर, दरारें युक्त और मोटा बनाता है। नाखूनों का फंगल इन्फेक्शन अक्सर नाखूनों के ऊपरी हिस्सों को प्रभावित करता हैं। यह फंगस आमतौर में पुरुषों को व कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है।
  • मुंह में थ्रश होना - कैंडिडा नामक फंगस के कारण मुंह में फंगल इन्फेक्शन (थ्रश) हो जाता है। जीभ पर सफेद होना या अंदरूनी गाल पर हल्के पीले रंग की परत होना थ्रश के लक्षण हो सकते हैं।
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फंगल इन्फेक्शन के लक्षण - Fungal Infections Symptoms in Hindi

हर प्रकार के फंगल इन्फेक्शन के अलग लक्षण होते हैं। उदाहरण के तौर पर स्किन के फंगल इन्फेक्शन में चकत्ते, लालिमा, पपड़ी या दरारे बनान आम हैं। मुंह के फंगल इन्फेक्शन में भीतरी गाल, जीभ, मुंह की छत और गले पर सफेद धब्बे हो जाते हैं। योनि में फंगल इन्फेक्शन होने पर योनि में खुजली और जलन के साथ सफेद पानी भी आता है।

त्वचा पर होने वाले सामान्य फंगल इन्फेक्शन के लक्षण

स्किन का फंगल इन्फेक्शन शरीक के किस भाग में हुआ है, इसके आधार पर लक्षण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन निम्नलिखित लक्षण होना आम है -

  • लाल रंग के चकत्ते होना (रैश)
  • त्वचा में लाल या बैंगनी रंग के पैच होना
  • प्रभावित क्षेत्रों पर सफेद पाउडर की तरह पदार्थ का निकलना
  • त्वचा में पपड़ी जमना व खाल उतरना
  • त्वचा में दरारें होना
  • त्वचा के प्रभावित हिस्से में दर्द
  • त्वचा का लाल होना
  • त्वचा का कुछ हिस्सा सफेद व नरम हो जाना
  • प्रभावित क्षेत्रों में पस के साथ दाने होना
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फंगल इन्फेक्शन के कारण - Fungal Infections Causes in Hindi

फंगल इन्फेक्शन क्यों, किसे, कैसे होता है?

फंगल संक्रमण किसी को भी हो सकता है, यहां तक ​​कि लोग जो सामन्य रूप से पूरी तरह स्वस्थ हैं। हम सब रोज़ किसी न किसी तरह फंगस बीजाणुओं के संपर्क में आते हैं। हालांकि, कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में इन कवक से संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है।

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग

प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने की वजह से होने वाले संक्रमण को "अवसरवादी संक्रमण" कहा जाता है। ये बीमारी बैक्टीरिया, वायरस या कवक के कारण हो सकती है। कई फंगल संक्रमण अवसरवादी संक्रमण होते हैं।

प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे कमजोर होती है?

कुछ लोगों की इम्युनिटी पैदाइश से ही कमजोर होती है। कुछ लोगों को कोई बीमारी हो सकती है जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करती है जैसे एचआईवी / एड्स। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स या कीमोथेरेपी जैसी कुछ दवाएं भी शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता को कम कर सकती हैं।

यदि आपकी इम्युनिटी कमजोर है तो आपको पता होना चाहिए कि आपको फंगल संक्रमण होने का जोखिम अधिक है। आपको फंगल संक्रमण के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर उससे बचने पर ध्यान देना चाहिए। यह गंभीर जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है।

फंगल इन्फेक्शन से बचाव - Prevention of Fungal Infections in Hindi

फंगल इन्फेक्शन होने से कैसे रोकें?

फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए कई उपाय हैं, जैसे साफ़-सफाई बनाये रखना, पुराने जूते चप्पल न पहनना अदि। लेकिन याद रखें कि कोई भी एक उपाय अकेला कवक संक्रमण नहीं रोक सकता। इसके लिए आपको सभी उपाय पर ध्यान देना होगा।

  • पैरों को साफ और सूखा रखें। मोजों को हर रोज बदलें। इस बात पर भी ध्यान दें कि आपके जूते ज्यादा टाइट न हों और आपको सही तरह से फिट हों।
  • जूतों में रोज़ एंटी-फंगल पाउडर का इस्तेमाल करें।
  • पुराने जूते और चप्पल पहनने से बचें। इसके अलावा आप दूसरों के साथ जूते साझा न करें।
  • जिस जगह पर आप नियमित रूप से नंगे पैर चलते हों, उस फर्श को अच्छी तरह से साफ रखें।
  • अपना चेहरा नियमित रूप से धोएं। इसके साथ ही त्वचा को शुष्क व साफ रखें और अपने निजी चीजों को किसी के साथ साझा न करें।
  • बाथरूम, जिम, कारपेट और सार्वजनिक स्नान वाली जगहों पर नंगे पैर जाने से बचें। इन जगहों पर चप्पल जरूर पहनें।
  • यदि आपका वजन अधिक हो या आप मोटापे से ग्रस्त हों, तो आप अपनी त्वचा को अच्छी तरह से सुखाएं।

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  • साफ व सूती अंडरवियर और ढीली पैंट ही पहनें। अपने रान (जांघ और जन्नांग को जोड़ने वाला हिस्सा) को साफ और सूखा रखें।
  • नाखूनों के ऊपरी हिस्सों को काट कर छोटा रखें और नाखूनों को बढ़ने न दें। (और पढ़ें - नाखूनों की देखभाल के लिए टिप्स)
  • परिवार के किसी सदस्य या मित्र को फंगल इन्फेक्शन हो तो इसका इलाज तुरंत करवाएं, इस समस्या में अनदेखी न करें।
  • अगर किसी को रान या किसी अन्य हिस्से में फंगस हो जाएं, तो उसको नियमित रूप से फंगसरोधी शैम्पू का उपयोग करना चाहिए।  

फंगल इन्फेक्शन का परीक्षण - Diagnosis of Fungal Infections in Hindi

फंगल इन्फेक्शन की जांच कैसे की जाती है?

फंगल इन्फेक्शन का निदान मुख्य रूप से त्वचा की जांच पर निर्भर करता है। इस जांच के लिए शरीर के प्रभावित क्षेत्र से त्वचा पर होने वाली पपड़ी, नाखून की कतरनें या वहां के बालों के नमूने लिए जाते हैं। फंगल इन्फेक्शन का निदान हो जाने पर सबसे पहले इसके अंतर्निहित कारणों का इलाज किया जाता है।

कवक संक्रमण की जांच के लिए निम्न टेस्ट किये जा सकते हैं -

  • रक्त परीक्षण - फंगल इन्फेक्शन की जांच के लिए रक्त परीक्षण किया जाता है। जिससे की इसके संभावित कारणों का पता लगाया जा सके।
  • इमेजिंग टेस्ट - इसके अलावा फंगल इन्फेक्शन जब फेफड़ो में फैल गया हो, तो आपको एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन के माध्यम से इसके कारणों को पता लगाने की सलाह दी जाती है।
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फंगल इन्फेक्शन का उपचार - Fungal Infections Treatment in Hindi

फंगल इन्फेक्शन का इलाज कैसे होता है?

त्वचा के फंगल इन्फेक्शन का उपचार आम तौर पर दवाओं से आसानी से हो जाता है। इस समस्या में आमतौर पर अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है। अगर रोगी की इम्युनिटी कमजोर हो या कैंडिडा संक्रमण खून में फैल गया हो, तो ऐसे में हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरुरत हो सकती है - इसके बारे में डॉक्टर से अवश्य पूछें। 

(और पढ़ें - त्वचा रोग का इलाज)

फंगल इन्फेक्शन के उपचार का मुख्य आधार एंटीफंगल दवाएं हैं जो कई रूपों में उपलब्ध हैं -

  • एंटी-फंगल क्रीम
  • मरहम या ऑइंटमेंट
  • लोशन
  • खाने वाली दवाएं
  • नसों में दी जाने वाली दवाएं

विभिन्न प्रकार की दवाओं का उपयोग संक्रमण के प्रकार और संक्रमण से प्रभावित शरीर के अंग के आधार पर किया जाता है। उदाहरण के लिएः

  • योनि के लिए जैल या क्रीम को अक्सर योनि में होने वाले यीस्ट संक्रमण के लिए उपयोग किया जाता है।
  • ओरल थ्रश के लिए अक्सर गले की खराश को दूर करने वाली गोलियां, अन्य टैबलेट व माउथ वॉश (मुंह को साफ करने वाला तरह पदार्थ) को एंटीफंगल के साथ इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • एथलीट्स फुट का प्रायः स्प्रे, पाउडर और मलहम (लेप) से इलाज किया जाता है।
  • गंभीर संक्रमण का इलाज ओरल दवाओं या नसों में दी जाने वाली दवाओं से किया जाता है।

(और पढ़ें - फंगल इन्फेक्शन में क्या खाएं)



संदर्भ

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फंगल इन्फेक्शन की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Fungal Infections in Hindi

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फंगल इन्फेक्शन पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 6 साल पहले

बालों में फंगल इन्फेक्शन होने से क्या होता है?

Dr. , General Physician

फंगल एजेंट की वजह से जब बालों में इन्फेक्शन होता है, तो इसे ट्राइकोमाइकोसिस कहा जाता है। अगर फंगल इन्फेक्शन की वजह से बाल झड़ रहे हैं तो उसका जल्द इलाज किया जाना चाहिए वरना कम समय में ही ज्यादा बाल झड़ जाते हैं या फिर स्कैल्प को नुकसान होने लगता है।

सवाल लगभग 6 साल पहले

बालों के फंगल इन्फेक्शन को कैसे ठीक करें?

Dr. Rahul Poddar MBBS, DNB, MBBS, DNB , सामान्य शल्यचिकित्सा

तेल, सिर में गंदगी जमना और डेड सेल्स यानी मृत कोशिकाओं की वजह से स्कैल्प में आसानी से फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। तमाम फंगल इन्फेक्शन  में सबसे सामान्य है दाद। यह बालों के साथ-साथ स्कैल्प को भी प्रभावित करता है। इसके उपचार के लिए पूरी तरह बाजार में उपलब्ध उत्पादों पर ही निर्भर रहना सही नहीं है। इससे बाल खुश्क, रूखे और बेजान हो सकते हैं। बालों में फंगल इन्फेक्शन  होने पर कुछ घरेलू उपायों को आजमा सकते हैं जैसे नारियल तेल, नीबू, आलिव आयल, नीम का तेल, कास्टर आयल वगैरह लगाना। इन तेलों के नियमित इस्तेमाल से फंगल इन्फेक्शन को फैलने से भी रोका जा सकता है।

सवाल लगभग 6 साल पहले

मुंह में फंगल इन्फेक्शन क्यों होता है?

Dr. B. K. Agrawal MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, सामान्य चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा

मुंह और जीभ में जब ईस्ट शेप का फंगल इन्फेक्शन ग्रो कर जाता है, इसे थ्रश कहा जाता है। थ्रश आमतौर पर छोटे बच्चे और नए जन्मे शिशु को होता है, लेकिन उन्हें यह नुकसान नहीं पहुंचाता। हालांकि वयस्कों में जब यह समस्या आती है तो उन्हें कई तरह की परेशानियों को झेलना पड़ सकता है। थ्रश होने पर मुंह में दाने होने लगते हैं, मुंह में दर्द होता है। सवाल है थ्रश क्यों होता है, तो इसकी वजह है बीमारी, गर्भावस्था, दवाओं का अत्यधिक सेवन, धूम्रपान आदि।

सवाल 5 साल से अधिक पहले

नेल फंगल इन्फेक्श को कैसे ठीक किया जा सकता है?

Dr. Tarun kumar MBBS , अन्य

जैसा कि आप जानते ही हैं कि फंगल इन्फेक्शन शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। फंगाई आमतौर पर शरीर में और विभिन्न जीवाणुओं के साथ मौजूद होते हैं। जब फंगाई ग्रो करते हैं, तो इससे आप संक्रमित हो सकते हैं। हाथ के नाखूनों या पैर के नाखूनों को ओनिकोमिकोसिस नाम का फंगल इन्फेक्शन प्रभावित करता है, जिसे टिनिया अनगियम भी कहते हैं। फंगल इन्फेक्शन नाखूनों को बहुत धीरे-धीरे प्रभावित करते हैं। यही वजह है कि नाखूनों में फंगल इन्फेक्शन होने पर बहुत दिनों तक इसके असर का पता नहीं चलता। संक्रमण होने पर शायद ही आपको शुरुआती दिनों में किसी तरह के बदलाव अपने नाखूनों में देखने को मिले। जहां तक इसके उपचार की बात है, तो नाखूनों पर फंगल इन्फेक्शन होने पर एंटीफंगल ट्रीटमेंट लिया जाता है। हालांकि यह ट्रीटमेंट लंबे समय तक चल सकता है और महंगा भी होता है। इसके साथ ही नाखूनों पर लगाने के लिए आएंटमेंट का इस्तेमाल भी किया जाता है। घरेलू उपचार की मदद से भी नाखूनों के संक्रमण को कुछ कम किया जा सकता है मसलन विक्स वेपरअब लगाएं। हालांकि इसका खांसी के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह फंगस ट्रीटमेंट के लिए भी उपयोगी है। ओरीगेनो आयल, ओलिव आयल और सनफ्लावर आयल भी नाखूनों के फंगल इन्फेक्शन पर कारगर साबित होते हैं। इसके साथ ही अपने नाखूनों को साफ रखें।