संक्रमण क्या होता है?
संक्रमण तब होता है जब कोई बाहरी जीव किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है और उसे नुकसान पहुंचाता है। यह जीव जीवित रहने के लिए, प्रजनन करने के लिए और बसने के लिए व्यक्ति के शरीर का उपयोग करते हैं। इन संक्रामक जीवों को रोगजनकों के रूप में जाना जाता है। रोगजनकों के उदाहरणों में "बैक्टीरिया" (Bacteria), "वायरस" (Virus), कवक/"फंगी" (Fungi) और "प्रायन" (Prion) शामिल हैं। रोगजनक जल्दी से गुणन करते हैं और दूसरे माहौल में अनुकूलित हो जाते हैं।
कुछ संक्रमण हल्के होते हैं और उन पर ध्यान नहीं जाता, लेकिन कुछ गंभीर और जानलेवा हो सकते हैं। कुछ संक्रमण पर इलाज का कोई असर नहीं पड़ता। संक्रमण विभिन्न तरीकों से फ़ैल सकता है, जैसे त्वचा के संपर्क, किसी दूसरे के शारीरिक तरल पदार्थ से संपर्क, मल के साथ संपर्क और हवा में मौजूद कणों से। संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुई गयी वस्तु को छूने से भी संक्रमण फ़ैल सकता है। संक्रमण कैसे फैलता है और शरीर पर इसके प्रभाव संक्रमण करने वाले रोगजनक के प्रकार पर निर्भर करता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रामक एजेंट को रोक सकती है, लेकिन इनकी बड़ी संख्या को रोकने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावी नहीं होती। ऐसे मामलों में संक्रमण हानिकारक हो जाते हैं।
कई रोगजनक विषाक्त पदार्थ छोड़ते हैं, जिससे शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है।