शुक्राणु की कमी का क्या मतलब होता है?
शुक्राणुओं में कमी का मतलब है वीर्य में सामान्य से कम शुक्राणुओं का होना। यदि आपके वीर्य में 1.5 करोड़ प्रति मिलीलीटर से कम शुक्राणु हों तो आपका स्पर्म काउंट सामान्य से कम माना जाता है।
शुक्राणुओं में कमी होने को मेडिकल भाषा में "ओलिगोस्पर्मिया" कहा जाता है। वीर्य में शुक्राणुओं का पूरी तरह से खत्म होना "एजुस्पर्मिया" (निल शुक्राणु) कहलाता है।
वीर्य में शुक्राणु कम होने का एक ही लक्षण होता है - पिता न बन पाना या प्रेगनेंसी होने में दिक्कत होना। इसके बावजूद, कई पुरुष जिनमें शुक्राणु कम होते हैं, वे बच्चा पैदा करने में सक्षम हो पाते हैं।
वैसे तो केवल अंडे को निषेचित करने के लिए केवल एक शुक्राणु ही चाहिए होता है, लेकिन आपका स्पर्म काउंट जितना अधिक होगा, प्रेगनेंसी हो पानी की सम्भावना उतनी ही ज्यादा होगी।
आइए इस बात पर करीब से नज़र डालें कि शुक्राणुओं की संख्या कम क्यों हो सकती है, इसकी पुष्टि के लिए क्या टेस्ट किया जाता है और शुक्राणु की गिनती बढ़ने के लिए के लिए क्या उपचार और दवा उपलब्ध हैं।
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