मांसपेशियों के दर्द का निदान
ध्यान रहे की मांसपेशियों में दर्द एक लक्षण होता है ना कि कोई रोग। इसलिए यह किसी गंभीर रोग के शुरूआती लक्षण या संकेत भी हो सकते हैं इसलिए इसका निदान करना बहुत जरूरी होता है।
इसका निदान करने के कुछ प्रकार हैं:
पहले की जानकारी – दर्द और उसके लक्षणों की पूर्ण जानकारी जिसमें डॉक्टर दर्द से प्रभावित जगह, उसकी गंभीरता और कठोरता की जांच करेंगे। अगर किसी व्यक्ति को हाल में में कोइ इंजेक्श्न लगा है, किसी कीट द्वारा काटा गया है, या वह किसी प्रकार का ड्रग लेता है तो डॉक्टर को उसके बारे में बताना बहुत जरूरी होता है। इसके कुछ ऐसे लक्षण जैसे ठंड या गर्मी लगना, बुखार, वजन घटना, जोड़ों में दर्द या अकड़न, तंत्रिका संबंधी लक्षण (सुन्न होना, कांपना, देखने में परेशानी, कानों में आवाजे आना आदि), डिप्रेशन, नींद संबंधी परेशानी, थकावट, लाल चकत्ते, सांस लेने से जुड़ी परेशानी, हृदय संबंधी परेशानी आदि के लक्षण भी दिख सकते हैं। जानकारी लेने के दौरान मरीज से दर्द की शुरू की जानकारी (एकदम या धीरे-धीरे), दर्द के प्रकार (स्थायी या बार-बार होना) आदि जैसे लक्षणों की जानकारी ली जा सकती है।
शारीरिक परिक्षण – इसमें मरीज की चाल, ढंग और अन्य व्यक्तियों के प्रति उसके हाव-भाव कि असमान्यता का निरिक्षण किया जाएगा। मांसपेशियों में खराबी (atrophy), मांसपेशियों का फैलना (hypertrophy), और कॉन्ट्रैकचर (contracture) होने के कारण को जानने के लिए मांसपेशियों का निरिक्षण किया जा सकता है। मांसपेशियों का सामान्य खिंचाव और बल की जानकारी के लिए रेजिस्टेंस एक्सरसाइज की मदद ली जा सकती है। परिक्षण के दौरान हाथ से छू कर देखने से मांसपेशियों कि कोमलता या असामान्य तनाव का पता लगाया जा सकता है। जोड़ों की बीमारी जैसे सूजन, लाल चकत्ते, द्रव संग्रह, मांसपेशी में कोमलता, बढ़ते तापमान और जोड़ों में गतिशीलता का पता लगाने के लिए जोड़ों का परीक्षण किया जाता है।
टेस्ट – सूजन और अन्य अंदरूनी समस्याओं का पता लगाने के लिए खून की जांच की जाती है। इसमें शामिल हैं कंम्पलीट ब्लड काउंट (CBC), एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटेशन रेट (ESR), हार्मोन का स्तर, विभिन्न रसायनों (कैल्सियम, फॉसफेट, सेरम एंजाइम्स) और सेरोलोजिकल टेस्ट। ESR का बढ़ा हुआ स्तर सूजन या संक्रमण या फिर अंदरूनी नुकसानदेह समस्याओं के संकेत दिखाता है। सेरम एंजाइम (serum enzyme) का स्तर तब बढ़ता है जब मांसपेशियों को चोट या मांसपेशियों के ऊतक टूटने लगें। सर्लोजिकल टेस्ट खून में एंटीबोडीज का पता लगाता है, इसका प्रयोग संक्रमण, परजीवी संक्रमण (कीट पतंगे आदि)। मांसपेशियों के विकारों का पता लगाने के लिए पेशाब की जांच भी की जा सकती है।