मतली और उल्टी क्या है?
उल्टी एक अनियंत्रित अनैच्छिक शारीरिक प्रक्रिया है जो पेट के अंदर मौजूद पदार्थ को मुंह के रास्ते बाहर निकाल देती है। मतली या जी मिचलाना के दौरान रोगी को ऐसा महसूस होता कि उसे उल्टी आने वाली है, लेकिन वास्तव में उल्टी नहीं आती।
उल्टी और मतली के काफी सारे कारण होते है। यह बच्चों, व्यस्क और बूढ़े सभी उम्र के लोगों में हो सकता है।
हालांकि, गर्भावस्था में उल्टी आना या कैंसर के उपचार की वजह से उल्टी और मतली की समस्या आम हो सकती है। लगभग आधी से ज्यादा गर्भधारण करने वाली महिलाओं को उल्टी और मतली सुबह के समय प्रभावित करती है, जिसे सुबह की बीमारी (मॉर्निंग सिकनेस; Morning sickness) कहा जाता है।
उल्टी और मतली के बारे में कुछ तथ्य -
उल्टी और मतली कई रोग के सामान्य लक्षण होते हैं। उल्टी और मतली से होने वाली परेशानियां इनके होने के कारण पर निर्भर करती हैं। फूड पाइज़निंग (food poisoning), समुद्री जहाज पर रहने से (sea sickness), सफर करने से (motion sickness) और कैंसर थैरेपी आदि इन सभी कारणों से होने वाली उल्टी और मतली काफी हानिकारक हो सकती है, क्योंकि इनसे शरीर में पानी की कमी (निर्जलीकरण (डिहाईड्रेशन)) हो सकती है।
उल्टी शरीर में लहरों की तरह आ सकती है, जैसे ही शरीर का संचालन विपरित काम करने लगता है (जैसे पाचन तंत्र की मांसपेशियों का संकुचन होना) तो उल्टी आने लगती है। इसके अलावा उल्टी की लहरों के कारण पेट और इसोफेगस की परत खिंचने (तनाव) लगती है, जिस कारण से पेट की सामग्री मुंह के बल निकलने में मजबूर हो जाती है।
कई बार खांसते समय और फेंफड़ों से बलगम निकालते समय भी उल्टी जैसे लक्षण अनुभव होते हैं, लेकिन वह उल्टी नहीं होती क्योंकि उल्टी सिर्फ पेट से ही आती है।
रेचिंग (उबकना) पेट और इसोफेगस के कार्यों की विपरित क्रम प्रक्रिया होती है, जिसमें उल्टी के बिना सूखी उबकाई लगती रहती हैं। कई बार इसको ड्राई हीव्स (dry heaves) के नाम से भी जाना जाता है।
उल्टी और मतली की गंभीर स्थिति में मेडिकल उपचार की जरूरत पड़ सकती है, यहां तक की कई दवाईयां भी हैं, जिनसे उल्टी और मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं जैसे बेहोश करने वाली कुछ सामान्य दवाएं। बहुत ही कम, उल्टी और मतली से कोई गंभीर और जीवन के लिए हानिकारक स्थिति पैदा हो पाती हैं