पॉलीमायोसिटिस होना क्या है?
पॉलीमायोसिटिस एक ऐसा रोग है जिसमें शरीर के अंदरूनी हिस्सों में सूजन आने लगती है। इस रोग में शरीर के दोनों तरफ की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इस स्थिति में रोगी को सीढ़ियां चढ़ने, बैठने के बाद सीधे खड़े होने और किसी सामान को उठाने में मुश्किल होती है।
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पॉलीमायोसिटिस के लक्षण क्या हैं?
यह रोग मुख्य रूप से 30 से 50 आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण और संकेत कुछ सप्ताह और महीनों के बाद धीरे-धीरे सामने आते हैं। फिलहाल पॉलीमायोसिटिस का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ दवाओं और थेरेपी के माध्यम से मांसपेशियों के दर्द को दूर कर, उसके कार्यों में सुधार किया जा सकता है।
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पॉलीमायोसिटिस क्यों होता है?
पॉलीमायोसिटिस की स्थिति में शरीर के ऊपरी हिस्से के पास की मांसपेशियों जैसे - कूल्हे, कंधे, जांघ, बांह, पीठ का ऊपरी हिस्सा और गर्दन प्रभावित होेती है। यह रोग होने पर व्यक्ति को सबसे पहले मांसपेशियों की कमजोरी महसूस होती है। साथ ही वह आम तौर पर करने वाले कामों को भी मुश्किल से कर पाता है। इसके अलावा रोगी को बुखार, तेजी से वजन कम होना, थकान और जोड़ों में दर्द होना महसूस होता है।
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पॉलीमायोसिटिस होने के सही कारणों का पता नहीं चल सका है, लेकिन इस रोग को स्व-प्रतिरक्षित स्थिति में शामिल किया जाता है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं को क्षति पहुंचाने लगती हैं।
पॉलीमायोसिटिस का इलाज कैसे होता है?
फिलहाल पॉलीमायोसिटिस का पता लगाने के लिए कोई परिक्षण मौजूद नहीं है। इसी वजह से डॉक्टर को इसे पहचानने में थोड़ा ज्यादा समय लग जाता है। लेकिन डॉक्टर पॉलीमायोसिटिस के परीक्षण के लिए आपको ईएमजी (Electromyography), ब्लड टेस्ट, एमआरआई (MRI) या मसल बायोप्सी (Muscle biopsy) कराने की सलाह दे सकते हैं
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इस रोग का इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ दवाओं के इस्तेमाल से पॉलीमायोसिटिस के लक्षणों को कम किया जा सकता है। शुरुआती दौर में पॉलीमायोसिटिस का इलाज शुरू करने से इसकी गंभीरता को आसानी से कम किया जा सकता है। इस समस्या में डॉक्टर स्टेरॉयड दवाओं व थेरेपी के माध्यम से रोगी का इलाज करते हैं।
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