सांस की बीमारी - Respiratory disease in Hindi in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

May 18, 2021

September 13, 2023

सांस की बीमारी
सांस की बीमारी

सांस की बीमारी पहले के समय में सिर्फ बुजुर्गों ​में सुनने को मिलती थी, लेकिन कोविड-19 के दौर में इसका उम्र से कोई लेना देना नहीं है। चाहे बात गलत खानपान की हो या खराब दिनचर्या की, यह सभी कारक सांस की बीमारी का कारण बन सकते हैं।

इसके अलावा कोरोना वायरस के लक्षणों में भी सांस की बीमारी होना सामान्य है, जिसमें व्यक्ति को ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और उसे सांस लेने में दिक्कत होती है। यह एक जानलेवा स्थिति है। इसका अंदाजा आप इसी डेटा से लगा सकते हैं कि दुनियाभर में इससे करीब 34 लाख व भारत में दो लाख 75 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसलिए सांस की बीमारी का उचित समय पर पहचान करना व इलाज बेहद जरूरी है।

इस लेख में आप जानेंगे कि सांस संबंधी कौन-कौन सी ​बीमारियां सामान्य हैं, उनके लक्षण व उनकी पहचान कैसे की जा सकती है।

(और पढ़ें - नार्मल ऑक्सीजन लेवल कितना होना चाहिए)

कोविड-19 - COVID-19 in Hindi

कोविड-19 से देश व दुनिया 2019 से प्रभावित है, भारत में यह 2020 की शुरुआत में आया और अब तक 2 करोड़ 75 लाख से भी ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है। हालांकि, देश में एक्टिव मामले 35 लाख से ज्यादा है। य​ह सार्स-सीओवी-2 नाम के वायरस की वजह से होती है। इससे संक्रमित व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत सफाई न बरतने, खांसने व छींकने और अन्य लोगों से उचित दूरी न बनाने की वजह से वायरस दूसरों में फैल जाता है। यह हवा या किसी सतह पर कई-कई घंटों तक जिंदा रह सकता है।

कोविड-19 की पहचान

ज्यादा सामान्य लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं :

  • बुखार
  • खांसी
  • सांस लेने में दिक्कत
  • थकान

कम सामान्य लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं :

गंभीर लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं :

  • सांस लेने में कठिनाई
  • सीने में दर्द या दबाव
  • बोलने या शारीरिक गतिविधि करने में असमर्थता

(और पढ़ें - कोरोना वायरस टेस्ट कैसे किया जाता है)

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सांस फूलना - Shortness of breath in Hindi

सांस की तकलीफ एक असहज स्थिति है, जिसमें फेफड़ों तक सही से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। अक्सर, हृदय रोग या फेफड़ों के रोग की वजह से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। कुछ लोगों को थोड़े समय के लिए अचानक सांस की कमी का अनुभव हो सकता है। जबकि कुछ लोगों को लंबे (सप्ताह या उससे अधिक) समय तक यह दिक्कत हो सकती है।

सांस फूलने की पहचान

यह समस्या अचानक व धीरे-धीरे भी हो सकती है। यह बुखार, चकत्ते या खांसी जैसे अन्य लक्षणों के साथ भी हो सकती है। क्रोनिक मामलों में आपको रोजमर्रा के काम (जैसे चलना, एक कमरे से दूसरे में जाना) करने के दौरान सांस फूलने जैसा अनुभव हो सकता है।

कभी-कभी, कुछ गतिविधियों की वजह से सांस फूलने की समस्या बेहतर और बदतर हो सकती है। उदाहरण के लिए जिन्हें हृदय और फेफड़ों की बीमारी है, उनमें नीचे सीधे लेटने से सांस की कमी हो सकती है। फिलहाल लक्षणों पर ट्रैक करते चलें, इससे डॉक्टर को स्थिति समझने व उपाय निर्धारित करने में मदद मिलेगी।

(और पढ़ें - सांस फूलने की होम्योपैथिक दवा)

दमा (अस्थमा) - Asthma in Hindi

अस्थमा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें वायुमार्ग में सिकुड़न और सूजन आ जाती है और अतिरिक्त मात्रा में बलगम बनने लगता है। ऐसी स्थिति में सांस लेने में परेशानी होती है और खांसी आती है। इसके अलावा सांस छोड़ते समय घरघराहट की आवाज भी आती है। कुछ लोगों को यह मामूली रूप से प्रभावित करती है, जबकि कुछ लोगों के लिए यह बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है और इसकी वजह से रोजाना के कार्य करने में परेशानी होती है। अनुपचारित छोड़ने पर यह जानलेवा भी हो सकती है।

अस्थमा की पहचान

अस्थमा के दौरे के शुरुआती संकेतों में शामिल हैं :

(और पढ़ें - ऑक्सीजन कंसंट्रेटर क्या है)

हांफना - Heavy breathing in Hindi

हांफना का मतलब है कि सामान्य से ज्यादा सांस आना। ऐसा अक्सर तब होता है जब आप उच्च तीव्रता वाले व्यायाम करते हैं, सीढ़ियां चढ़ते या दौड़ते हैं। ऐसे में आप तेजी से सांस लेना शुरू कर देते हैं, क्योंकि तेज गति​विधियों के साथ शरीर की ऑक्सीजन की आवश्यकता बढ़ जाती है।

(और पढ़ें -  ऑक्सीजन सिलेंडर क्या है)

यदि आप कोई मूवमेंट नहीं कर रहे हैं और हांफने की समस्या हो रही है तो पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने की जरूरत है। ऐसा तब हो सकता है जब शरीर में नाक और मुंह से हवा की मात्रा कम जाती है। इसके अलावा नाक भरी होना से लेकर फेफड़े के विकार जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) की वजह से हांफने की समस्या हो सकती है।

हांफने  की पहचान

कई बार हम हांफने की समस्या को नजरअंदाज कर जाते हैं, इसके लक्षणों को समझना जरूरी है :

(और पढ़ें - सीने में दर्द हो तो क्या करना चाहिए)

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घरघराहट - Wheezing in Hindi

सांस लेने के दौरान यदि सीटी जैसे आवाज आती है, तो यह घरघराहट का संकेत हो सकता है। श्वसन एलर्जी से ग्रस्त कई लोग जानते हैं कि घरघराहट की समस्या अक्सर 'हे फीवर' वाले मौसम में होती है। यह एक्यूट ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन संक्रमण की वजह से भी हो सकता है। हालांकि, यह सीओपीडी और अस्थमा की वजह से भी हो सकता है। घरघराहट की समस्या तब होती है जब हवा नाक की संकुचित वायु नलियों और फेफड़ों से होकर गुजरती है। कई लोग इसे हल्के में लेते हैं लेकिन यह किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है, इसलिए घरघराहट का निदान समय पर होना जरूरी है।

घरघराहट की पहचान

घरघराहट का प्रमुख लक्षण सांस लेने के दौरान सीटी जैसी आवाज आना है। यह समस्या शिशुओं से लेकर बुजुर्ग तक किसी को भी हो सकती है। अक्सर अस्थमा से पीड़ित बच्चों में यह समस्या होती है, इसके अलावा शिशुओं में भी यह समस्या आम है। एक अनुमान के मुताबिक 25% से 30% शिशुओं में उनके पहले वर्ष में घरघराहट हो सकती है, क्योंकि उनमें वायुमार्ग छोटा होता है।

(और पढ़ें - अस्थमा की आयुर्वेदिक दवा)

ऊपरी वायुमार्ग में रुकावट - Acute upper airway obstruction in Hindi

एक्यूट अपर एअरवे ऑब्सट्रक्शन यानी ऊपरी वायुमार्ग में रुकावट या ब्लॉकेज हो जाना। जब वायुमार्ग में रुकावट आ जाती है तो शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इसके एक्यूट यानी अचानक से होने वाले मामलों में कुछ ही मिनटों में व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। इसलिए लक्षणों को पहचानना व तुरंत चि​कित्सीय मदद लेना जरूरी होता है।

ऊपरी वायुमार्ग में रुकावट​ की पहचान

वायुमार्ग ब्लॉक होने के लक्षण इसके कारणों व कौन सा स्थान ब्लॉक हुआ है, इस पर निर्भर करता है। जिन लक्षणों का आप अनुभव कर सकते हैं उनमें शामिल हैं :

(और पढ़ें -  पल्स ऑक्सीमीटर क्या है)

ब्रोंकाइटिस - Bronchitis in Hindi

ब्रोन्कियल नलियों के अस्तर की सूजन को ब्रोंकाइटिस कहते हैं। ब्रोन्कियल ऐसी ट्यूब हैं जो आपके फेफड़ों तक हवा ले जाती हैं। जिन लोगों को ब्रोंकाइटिस होता है, उनमें अक्सर खांसी में गाढ़ा बलगम निकलता है, जो दिखने में रंगहीन हो सकता है। ब्रोंकाइटिस एक्यूट या क्रोनिक हो सकता है।

ब्रोंकाइटिस की पहचान

एक्यूट और क्रोनिक दोनों ब्रोंकाइटिस के लक्षणों में सांस की समस्याएं शामिल हैं, जैसे :

  • छाती में जमाव
  • खांसी में सफेद, पीले या हरे रंग का बलगम आना
  • सांस लेने में कठिनाई
  • सांस लेने के दौरान घरघराहट या सीटी की आवाज

(और पढ़ें - गर्भावस्था में सांस फूलने का कारण)

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न्यूमोकोनियोसिस - Pneumoconiosis in Hindi

न्यूमोकोनियोसिस फेफड़े की बीमारी है जो कि खदान में काम करने वालों, भवन का निर्माण करने वालों व ऐसे श्रमिकों को प्रभावित करती है जो धूल वाली जगहों पर काम करते हैं। समय के साथ धूल आपके फेफड़ों में इकट्ठा होती है और पर्याप्त हवा पाने में मुश्किल होने लगती है।

न्यूमोकोनियोसिस की पहचान

  • लंबे समय तक खांसी
  • खांसी में बड़ी मात्रा में बलगम निकलना
  • सांस लेने में तकलीफ

इसके अलावा अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप न्यूमोकोनियोसिस के किस प्रकार से ग्रस्त हैं।

(और पढ़ें - निमोनिया का इलाज

सांस लेने में दिक्कत - Difficulty breathing in Hindi

अक्सर सांस फूलने की वजह से व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई होती है। ऐसे में उसे सांस लेने या सांस छोड़ने में परेशानी होती है या ऐसा भी महसूस होता है जैसे उन्हें पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही है।

कई बार लोगों को व्यायाम करने के बाद या चिंता महसूस करने पर सांस लेने में परेशानी होती है। कुछ मामलों में, सांस लेने में कठिनाई एक चिकित्सीय स्थिति का संकेत हो सकता है, इसलिए कारण का पता लगाना आवश्यक होता है।

सांस लेने में दिक्कत की पहचान

सांस लेने में तकलीफ के प्राथमिक लक्षणों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न आना शामिल है। इसके अलावा कुछ अन्य विशिष्ट संकेत भी हैं जैसे :

यदि आपको अचानक से सांस लेने में कठिनाई हो रही है तो आपातकालीन सेवाएं लें। जिस व्यक्ति की सांस बहुत धीमी या बंद हो गई है, उसके लिए तत्काल चिकित्सा बेहद जरूरी है।

सांस लेने में कठिनाई के साथ कुछ ऐसे भी लक्षण हैं जो एक गंभीर समस्या से जुड़े हो सकते हैं। ये समस्याएं ऑक्सीजन की कमी या दिल का दौरा पड़ने का संकेत दे सकती हैं। इनमें शामिल हैं :

  • बुखार
  • छाती में दर्द या दबाव
  • घरघराहट
  • गले में जकड़न
  • सूखी खांसी
  • सांस की तकलीफ जिसमें आपको लगातार बैठने की आवश्यकता रहती है
  • सांस की तकलीफ जिसमें नींद आना मुश्किल हो जाता है।

(और पढ़ें -  खांसी के लिए घरेलू उपाय)

क्रुप रोग - Croup in Hindi

क्रुप ऊपरी वायुमार्ग में होने वाला संक्रमण है, ज्यादातर यह बच्चों में देखा जाता है। इसमें सांस लेने में दिक्कत आती है और प्रभावित व्यक्ति को भौंकने जैसी खांसी (कुकुर खांसी) आने की समस्या होती है। इसके अन्य सकेंतों व लक्षणों में खांसी शामिल है, जिसकी वजह से वॉयस बॉक्स (स्वरयंत्र), विंडपाइप (श्वासनली) और ब्रोन्कियल ट्यूब (ब्रांकाई) के आसपास सूजन आ जाती है।

क्रुप​ रोग की पहचान

क्रुप का मुख्य लक्षण कुकुर खांसी है, जो रात में अचानक शुरू हो सकती है। इसके अलावा बच्चे में खांसी शुरू होने से पहले कुछ अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं :

  • नाक बहना
  • गले में खराश
  • सीने में जमाव
  • हल्का बुखार

क्रुप के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और एक सप्ताह से कम समय तक रहते हैं, लेकिन जब श्वासनली के ऊपरी हिस्से में सूजन आ जाती है तो इसकी वजह से सांस लेने में कठिनाई हो सकती है जो कि एक गंभीर स्थिति है।

(और पढ़ें - गले की खराश ठीक करने के उपाय)