रूबेला को जर्मन खसरा या तीन दिन के खसरे के नाम से भी जाना जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो रूबेला वायरस के कारण होती है और इसमें शरीर पर लाल चकत्ते नजर आते हैं, बुखार हो सकता है और लसीका पर्व या लिम्फ नोड्स में सूजन हो जाती है। रूबेला से संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके शरीर से निकली दूषित बूंदें हवा में फैल जाती हैं और आसपास मौजूद दूसरे लोगों को भी यह इंफेक्शन बड़ी आसानी से हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति के खाने-पीने की चीजें शेयर करने से या फिर दूषित बूंदें जिस सतह पर गिरी हों उसे छूकर अगर आप अपने मुंह, नाक या आंख को छू लें तब भी आपको रूबेला की बीमारी हो सकती है।
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रूबेला वायरस मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है और वह भी 5 से 9 साल के बीच के बच्चों को लेकिन यह वयस्कों में भी हो सकता है। छोटे बच्चों को रूबेला की समस्या हो जाए तो उन्हें बुखार और त्वचा पर लाल चकत्ते हो जाते हैं। रुबेला या जर्मन खसरा, खसरा की बीमारी की तरह बहुत ज्यादा गंभीर नहीं होता बल्कि हल्का (माइल्ड) इंफेक्शन है जो 7 दिन के अंदर ठीक हो जाता है। लेकिन अगर कहीं गर्भवती महिला को रूबेला हो जाए तो गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है क्योंकि इससे मिसकैरेज, गर्भ में ही बच्चे की मौत (स्टिलबर्थ), गर्भवती महिला और शिशु दोनों की मौत या कॉन्जेनिटल रूबेला सिंड्रोम होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।