खुदकुशी का विचार आना क्या है?
खुद का जीवन नष्ट करने की स्थिति को खुदकुशी (आत्महत्या) कहा जाता है। आत्महत्या के विचार आने की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को खुद का जीवन नष्ट करने के विचार आने लगते हैं, इसके साथ-साथ इस दौरान उसको डिप्रेशन और बिहेवियरल बदलाव भी महसूस होने लगते हैं। खुदकुशी का विचार आना एक सामान्य समस्या है और ज्यादातर लोग इसे तब महसूस करते हैं, जब वे तनाव या डिप्रेशन से गुजर रहे होते हैं।
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ज्यादातर मामलों में यह समस्या अस्थायी (कुछ समय तक रहने वाली) होती है और इसका इलाज संभव होता है। लेकिन कुछ मामलों में यह पीड़ित व्यक्ति को आत्महत्या का प्रयास करने या उसे पूरा करने के जोखिम में डाल देती है।
इसकी कोई एक वजह नहीं है कि आखिर क्यों कोई व्यक्ति अपने जीवन को नष्ट करने की कोशिश करने लगता है, लेकिन कुछ कारक ऐसे हैं जो इस जोखिम को बढ़ा देते हैं। अगर किसी को मानसिक विकार या मानसिक रोग है तो वह व्यक्ति खुदकुशी करने का प्रयास कर सकता है। जिन लोगों को आत्महत्या करने के विचार आते हैं वे अक्सर उदासी और निराशा की भावनाओं से बहुत ओतप्रोत रहते हैं, जिससे उन्हें लगता है कि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
यह जानना मुश्किल हो सकता है कि कोई अंदर से कैसा महसूस कर रहा है, लेकिन यह रोग होने पर मरीज में ऐसे कई व्यवहार विकसित हो जाते हैं, जो यह संकेत दे सकते हैं कि व्यक्ति खुदकुशी करना चाहता है। इन चेतावनी संकेतों को पहचानना महत्वपूर्ण होता है ताकि आप परिवार के सदस्य या ऐसे दोस्त की मदद कर सकें जो आत्महत्या करने के विचारों से पीड़ित है।
इस विकार से पीड़ित व्यक्ति की मदद करने से उसके द्वारा किए जाने वाले संभावित आत्महत्या के प्रयास को रोका जा सकता है। मानसिक स्वास्थ्य स्थिति का इलाज करने से खुदकुशी के जोखिमों को कम किया जा सकता है और पीड़ित व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को सुधारा जा सकता है।
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