मूत्र असयंमिता का उपचार कैसे किया जाता है?
मूत्र असयंमिता का उपचार उसके प्रकार, गंभीरता और उसके अंतर्निहित कारणों के आधार पर किया जाता है। कई बार उपचारों के एक संयोजन (कई उपचार एक साथ) की आवश्यकता भी पड़ जाती है। अगर कोईं अंतर्निहित समस्या इस लक्षण का कारण बन रही है तो उस समस्या का पहला उपचार निम्न हो सकता है-
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बिहेवियरल तकनीकें:
- ब्लैडर ट्रेनिंग – इस ट्रेनिंग में पेशाब करने की इच्छा जागने के बाद उसको कुछ देर तक कंट्रोल करना सीखाया जाता है। इस ट्रेनिंग में पेशाब की इच्छा होने के बाद उसे 10 मिनट तक कंट्रोल करके रखने की कोशिश की जा सकती है। इसका लक्ष्य केवल यात्रा के दौरान शौचालय के समय की अवधि को लंबा करना होता है।
- डबल वाइडिंग (Double Voiding) – ऑवरफ्लो असयंमिता से बचने के लिए इस तकनीक के दौरान पेशाब करने के दौरान मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करना सिखाया जाता है। डबल वाइडिंग का मतलब होता है पेशाब करना और फिर कुछ मिनट प्रतीक्षा करना और फिर से पेशाब करना।
- सैड्यूल्ड टॉयलेट ट्रिप्स – इस तकनीक में पेशाब करने की इच्छा की प्रतीक्षा करने की बजाय हर दो से चार घंटे के अंदर पेशाब करने की आदत डालना।
- द्रव व आहार प्रबंधन – मूत्राशय के नियंत्रण को फिर से हासिल करने के लिए कुछ विशेष खाद्य व पेय पदार्थों को दिया जाता है। इस दौरान अल्कोहल, कैफीन व अन्य अम्लीय पदार्थों का सेवन बंद कर दिया जाता है। तरल पदार्थों की खपत को कम करना, वजन कम करना और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाना भी समस्या को कम कर सकते हैं।
पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों की एक्सरसाइज –
मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए डॉक्टर कुछ एक्सरसाइज करने की सलाह दे सकते हैं, जिससे पेशाब के रिसाव पर नियंत्रण रखने में मदद मिलती है। इन एक्सरसाइजों को कीगल एक्सरसाइज के नाम से भी जाना जाता है। तनाव असयंमिता के लिए ये एक्सरसाइज काफी प्रभावी होती हैं और तीव्र इच्छा असयंमिता में भी यह काफी फायदेमंद हो सकती हैं।
पेल्विक फ्लोर मांसपेशी एक्सरसाइज करते समय यह महसूस करना होता है कि आप मूत्र को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं और उसके बाद:
- जिस मांसपेशी का इस्तेमाल आप पेशाब को रोकने के लिए करते हैं, उसको लगातार 5 सेकेंड तक सिकोड़कर रखने की कोशिश करें और फिर 5 सेकेंड तक ढीला छोड़ दें। (अगर यह कठिन हो रहा है तो 5 सेकेंड की जगह आप 2 सेकेंड का इस्तेमाल कर सकते हैं)
- एक बार में 10 सेकिंड तक अपनी मांसपेशी संकुचित रखने का अभ्यास करें।
- हर बार में 10 सेट करते हुऐ एक दिन में कम से कम 3 बार यह एक्सरसाइज करने का लक्ष्य बनाने की कोशिश करें।
(और पढ़ें - स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने के तरीके)
दवाएं –
मूत्र असयंमिता के इलाज के लिए आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं जिनमें निम्न शामिल हैं:
- एंटीकोलिनर्जिक्स (Anticholinergics) – ये दवाएं ऑवररिएक्टिव मूत्राशय को शांत करने का काम करती हैं, जिससे तीव्र इच्छा मूत्र असयंमिता से राहत मिलती है।
- मीराबेगरॉन (Mirabegron) – इस दवा का इस्तेमाल भी तीव्र इच्छा मूत्र असंयमिता का इलाज करने के लिए किया जाता है। ये दवाएं मूत्राशय को शिथिल बना देती हैं, जिससे उसमें मूत्र संग्रह की मात्रा बढ़ जाती है। इसके साथ ही एक बार में अधिक मात्रा में पेशाब करने तथा अच्छी तरह से मूत्राशय को खाली करने में भी ये दवाएं काफी मदद करती हैं।
- अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha blockers) – पुरूषों में तीव्र इच्छा और ऑवरफ्लो असंयमिता का उपचार करने के लिए इन दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। ये दवाएं मूत्राशय की मांसपेशियों और पौरुष ग्रंथि की मांसपेशियों के तंतुओं को शिथिल बना देती है, जिससे मूत्राशय को अच्छे से खाली करने में आसानी हो जाती है।
इंटरवेश्नल थेरेपी (Interventional Therapies) –
इंटरवेश्नल थेरेपी, जो मूत्र असंयमिता पर नियंत्रण करने में मदद करती है:
- बोटुलाइनम टोक्सिक टाइप – A (Botox) – इसे 'बोटोक्स' भी कहा जाता है। मूत्राशय की मांसपेशी में बोटोक्स का इन्जेक्शन उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद होता है, जिनका मूत्राशय ऑवररिएक्टिव होता है। बोटोक्स इन्जेक्श्न का इस्तेमाल डॉक्टर सिर्फ तब करते हैं, जब अन्य प्रकार के उपचार असफल हो जाते हैं।
सर्जरी -
अगर अन्य प्रक्रियाएं काम ना कर पाएं, तो मूत्र असंयमिता का कारण बनने वाली समस्याओं के लिए कुछ सर्जिकल प्रक्रियाएं की जा सकती हैं।
(और पढ़ें - सर्जरी से पहले की तैयारी)
जीवन शैली और आत्म देखभाल (Lifestyle and self-care)
मूत्र रिसाव की समस्या होने पर त्वचा में जलन भी हो सकती है, जिसकी रोकथाम करने के लिए अतिरिक्त देखभाल करने की जरूरत पड़ती है:
- अपने आप को साफ करने के लिए खीसा (Washcloth) का इस्तेमाल करें।
- गीली त्वचा को खुली हवा में सुखाएं।
- बार-बार धोने या और गीला होने से बचें, क्योंकि ऐसा करने से मूत्राशय के संक्रमण के खिलाफ प्राकृतिक सुरक्षा कम हो सकती है।
- बेरियर क्रीम का इस्तेमाल करें, जैसे पेट्रोलियम जैली, कोका बटर आदि, जो त्वचा को पेशाब के संपर्क में आने से बचा सकें।
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अगर आपको तीव्र इच्छा असंयमिता या रात के समय अधिक समस्या होती है, तो टॉयलेट को सुविधाजनक रखें और ज्यादा दूरी पर ना रहें:
- बेड व टॉयलेट के रास्ते में आने वाली हर चीज जैसे कोई फर्नीचर या कालीन आदि को हटा दें, क्योंकि तीव्र इच्छा में हड़बड़ी के दौरान इनसे टक्कर लग सकती है।
- रात के समय रास्ते को स्पष्ट तथा उजागर रखने के लिए किसी टॉर्च या नाइट लाइट का इस्तेमाल करें, जिससे गिरने की संभावनाएं कम हो जाती है।
- अपने कमरे में एक बेडसाइड कमोड (Bedside Commode) रखें।
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अन्य उपाय:
- पैड – पेशाब के रिसाव को सोखने के लिए मरीज अंडरवियर के नीचे एक पैड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- वयस्क डायपर – कपड़ों को सूखा रखने के लिए मरीज वयस्क डायपर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
- डिस्पोजेबल पैड – कुर्सियों और बेड आदि को पेशाब से सुरक्षित रखने के लिए डिस्पोजेबल पैड का इस्तेमाल किया जाता है।
- स्पेशल स्कीन क्लींजर व क्रीम – क्लींजर का इस्तेमाल मूत्रमार्ग के आस-पास पेशाब से उत्तेजित होने वाली त्वचा को बचाने के लिए किया जाता है। क्रीम का इस्तेमाल पेशाब को त्वचा के संपर्क में आने से रोकने के लिए किया जाता है।