जिंक में कमी होने से कौन से रोग हो सकते हैं?
प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना:
यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली का स्तर कम होता है तो आपका बार-बार बीमार पड़ना इसका सबसे पहला लक्षण हो सकता है।
हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण और रोगों से शरीर की रक्षा करती है। शरीर में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी होने से यह प्रणाली काफी प्रभावित हो जाती है इन आवश्यक पोषक तत्वों में जिंक भी शामिल है।
अत्यधिक सूजन व जलन को कम करने में भी जिंक प्रभावी रूप से मदद करती है। ऐसी सूजन व जलन की स्थिति जिन बीमारियों से जुड़ी होती है वह हैं अस्थमा, एलर्जी, हृदय रोग, कैंसर, समय से पहले बूढ़ा होना और अन्य समस्याएं आदि।
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सूंघने व जीभ के स्वाद को अनुभव करने की क्षमता खराब होना:
स्वाद और सूंघने के अनुभव के लिए जरूरी एंजाइम का उत्पादन करने के लिए जिंक के पर्याप्त स्तर की आवश्यकता होती है। मतलब सूंघने व स्वाद के अनुभव में कमी होना जिंक की कमी का एक खास संकेत हो सकता है।
नाखून धीरे-धीरे बढ़ना या क्षतिग्रस्त नाखून:
क्योंकि जिंक कोशिका विभाजन, विकास और घाव भरने की प्रक्रिया में मदद करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए जिंक पर्याप्त मात्रा में ना मिलने पर आपके नाखून व बाल क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। जो कोशिकाएं त्वचा, बाल और नाखूनों का निर्माण करती हैं, उनके विकास को स्वस्थ रूप से बनाए रखने के लिए जिंक के स्थिर स्तर की आवश्यकता पड़ती है।
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त्वचा संबंधी स्थितियां:
मुंहासे, दाने और अन्य त्वचा के चकत्ते जिंक का कम स्तर होने का संकेत दे सकते हैं।
जिंक शरीर में विटामिन ए के स्तर को परस्पर प्रभावित (Interact) करता है और उसके स्तर को भी बढ़ा सकता है। विटामिन ए भी एक पोषक तत्व होता है जो स्वस्थ त्वचा के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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घाव ठीक करने की कमजोर क्षमता:
यदि आपके घाव भरने में सामान्य से ज्यादा समय लगता है तो इसका संकेत हो सकता है कि आपको अपने आहार में जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करने की आवश्यकता है। क्योंकि जिंक के बिना कोशिकाएं जितना जल्दी हो सके विभाजित होने और विकसित होने के लिए संघर्ष करने लगती हैं जिसके परिणामस्वरूप घाव आदि भरने की प्रक्रिया में अधिक समय लगने लगता है।
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देखने में कमी:
यदि आपको रात के समय और यहां तक कि दिन के समय भी देखने में परेशानी हो रही हैं तो अपने आहार में जिंक शामिल करने के संदर्भ में विचार करें। (और पढ़ें - आँखों की रौशनी तेज करने के उपाय)
खराब याददाश्त और ध्यान देने में लगने वाला समय:
जिंक की मदद से याददाश्त और सीखने की क्षमता में सुधार होता है।
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डिप्रेशन या तनाव:
सीखने की क्षमता और याददाश्त ही मस्तिष्क का ऐसा हिस्सा नहीं है जो जिंक से प्रभावित होता है। यह मस्तिष्क की तरंगों में उतार-चढ़ाव करने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे शरीर तनाव के रूप में प्रक्रिया देता है।
जिन लोगों को डिप्रेशन या तनाव की समस्या होती है उनके खून में जिंक की कमी पाई जाती है।
जिंक के सप्लीमेंट लेने से एंटीडिप्रैसेंट्स के प्रभाव दिखाई देते हैं और एंटीडिप्रैसेंट्स के साथ उपचार करने से आमतौर पर जिंक का स्तर सामान्य स्तर पर आ जाता है।
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बांझपन और खराब गर्भावस्था परिणाम:
अनियमित विकास का एक और साइड इफेक्ट प्रजनन क्षमता में कमी होता है। अकेले जिंक की कमी ही प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं कर सकती। हालांकि जिंक प्रजनन प्रणाली को आसानी से चलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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