गर्भावस्था में हर समय कुछ न कुछ खाने का मन करता है, पहले महीने में गर्भवती महिला का मन ज्यादातर खट्टी चीज़ें खाने का करता है। इन्हीं खट्टे पदार्थों में से एक है आंवला जो दिखने में बिल्कुल नींबू जैसा ही होता है एवं इसे सुपर फ्रूट भी कहा जाता है। गहरे हरे रंग का यह फल स्वाद में खट्टा-मीठा होता है। आइये जानते हैं कि गर्भावस्था में आंवला खा सकते हैं या नहीं और यदि खा सकते हैं तो आंवला गर्भावस्था में किस तरह लाभकारी है?

गर्भावस्था में आंवला खाने की सलाह अक्सर चिकित्सक भी देते हैं। इस फल में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। आंवले में इतने गुण पाए जाते हैं कि प्राचीन काल से लेकर आजतक इसे आयुर्वेदिक दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। आंवले में फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो गर्भावस्था के समय महिलाओं को ताकत देता है।  

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  1. प्रेगनेंसी में आंवला खाने के फायदे - Pregnancy mein amla khane ke fayde
  2. प्रेगनेंसी में आंवला खाने के नुकसान - Pregnancy mein amla khane ke nuksan
  3. प्रेगनेंसी में आंवला को कैसे और कितना खाएं? - Pregnancy mein amla ko kaise aur kitna khaye
  4. गर्भावस्था में आंवला खाने की सावधानियां - Pregnancy mein amla khane ki savdhaniya
  5. सारांश

आंवला आमतौर पर पूरे भारत में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और आंवले के औषधीय गुण और पोषक तत्व को खोए बिना इसे पाउडर के रूप में भी संरक्षित किया जा सकता है।

गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चे दोनों को ही मिलने वाले लाभ निम्नलिखित हैं:

  • आंवला एक ऐसा एंटीऑक्सीडेंट है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी पाया जाता जो फ्लू और मूत्र मार्ग के संक्रमण से बचाव करता है।
  • आंवला प्रसव के बाद महिला के शरीर में दूध बनाने में भी सहायक है।
  • आंवले में पाया जाने वाला फाइबर नियमित पेट साफ करने में भी लाभकारी है जिससे कब्ज की समस्या नहीं होती।
  • गर्भावस्था में कब्ज और बवासीर जैसे विकार आम होते हैं ऐसे में आंवले में पाया जाने वाला फाइबर इन सभी समस्याओं से भी बचाता है।
  • आंवला अपच और एसिडिटी को कम करता है और भोजन को पचाने में मदद करता है।
  • आंवले में विटामिन सी की प्रचुरता रक्त वाहिकाओं को पतला करने में मदद करती है जिससे बीपी सामान्य रहता है।
  • आंवले का खट्टा-मीठा स्वाद मतली को नियंत्रित करने में मदद करता है जो गर्भावस्था के पहले तिमाही में आम है।
  • आंवले का जूस पीने या इसे कच्चा खाने से मॉर्निंग सिकनेस कम हो जाती है और शरीर में फिर से स्फूर्ति आती है।
  • आंवला कैल्शियम का अच्छा स्रोत है जो बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। (और पढ़ें - हड्डियों को मजबूत बनाने के घरेलू उपाय)
  • आंवला गर्भावस्था में होने वाली हाथों और पैरों की सूजन को भी कम करता है।
  • आंवले में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिससे शरीर में पानी की मात्रा बढ़ती है जिससे बार-बार पेशाब आता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। 

(और पढ़ें - बॉडी को डिटॉक्स कैसे करें)

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गर्भवती महिलाओं के लिए आंवला एक गुणकारी फल है लेकिन इसे ज्यादा खाने से अपच, कब्ज और डायरिया हो सकता है। पेट भी खराब हो सकता है। इसलिए आंवले को सीमित मात्रा में खाना ही लाभप्रद होता है।

साथ ही कुछ परिस्थितियों में आंवला नहीं खाना चाहिए:

  • अगर गर्भवती को सर्दी-खांसी है तो आंवला नहीं खाना चाहिए क्योंकि आंवला ठंडा होता है। (और पढ़ें - गर्भावस्था में खांसी का उपचार)
  • दस्त के मामलों में भी आंवला हानिकारक है क्योंकि इसमें रेचक गुण (दस्त लाने वाले गुण) होते हैं।

गर्भावस्था के दौरान, प्रतिदिन एक या दो ताजे आंवले का फल खाना चाहिए। यदि आप पाउडर के रूप में आंवला ले रहे हैं, तो एक चम्मच आंवला पाउडर का ही सेवन करें। गर्भावस्था के दौरान आंवला या आंवले का जूस लेना चाहिए। आप घर पर आंवले का गूदा निकाल सकते हैं और इसे पीने के लिए पानी में मिला सकते हैं। प्रति दिन लगभग 5 मिलीलीटर से 10 मिलीलीटर आंवले का जूस ले सकते हैं। आंवले को अचार, जूस, सलाद आदि रूप में खा सकते हैं।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या खाएं)

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गर्भावस्था में आंवला खाने के दौरान निम्नलिखित सावधानियां रखें:

  • पैकेट बंद आंवला जूस नहीं पीना चाहिए।
  • सर्दी-खांसी और दस्त से पीड़ित होने पर भी आंवले का सेवन लाभप्रद नहीं है।

किसी भी खाद्य पदार्थ को मां के आहार का हिस्सा बनाने से पहले उसके फायदे और नुकसान (यदि कोई हो) की जांच जरूर कर लेनी चाहिए, यह मां और बच्चे दोनों के लिए ठीक होगा। मां के द्वारा सेवन किए गए आहार का असर मां से भी ज्यादा गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है।

आंवला न सिर्फ स्वस्थ व्यक्ति बल्कि गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होता है। कई रोगों के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाता है एवं इससे शरीर को ताकत मिलती है इसीलिए गर्भावस्था में आंवला खाने की सलाह दी जाती है।

प्रेग्नेंसी के दौरान आंवला खाना सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। आंवला विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट्स, और फाइबर से भरपूर होता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए कई लाभ प्रदान करता है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, पाचन में सुधार करता है, और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। आंवला आयरन के अवशोषण में मदद करता है, जो एनीमिया से बचाने में सहायक होता है। इसके अलावा, आंवला में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं, जिससे मां और शिशु दोनों को लाभ होता है। हालांकि, किसी भी चीज़ का अत्यधिक सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।

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