इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस क्या है?
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (आईपीएफ) फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी है। जब हम सांस लेते हैं तो फेफड़ों में मौजूद हवा की छोटी-छोटी थैलियों से होते हुए ऑक्सीजन हमारे रक्तप्रवाह में पहुंचता है। यहीं से शरीर के अन्य अंगों में ऑक्सीजन का संचार होता है। जिन लोगों को इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस की समस्या होती है उनके फेफड़ों में घाव युक्त कठोर ऊतक बढ़ने शुरू हो जाते हैं जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। समय के साथ यह स्थिति और भी गंभीर होती जाती है। आईपीएफ के कारण होने वाले घाव उसी तरह के होते हैं जैसे सामान्य रूप से त्वचा पर घाव हो जाता है। इसकी वजह से फेफड़ों से रक्त में ऑक्सीजन का प्रवाह धीमा हो जाता है। इस वजह से हमारा शरीर उस तरह से काम नहीं कर पाता है, जैसा कि उसे करना चाहिए।
अब तक हुए अध्ययनों के माध्यम से आईपीएफ के किसी विशिष्ट इलाज का पता नहीं लगाया जा सका है। अधिकांश लोगों को यदि सहायक उपचार मिल जाए तो उससे फेफड़ों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। कुछ लोगों में इसके लक्षण बहुत तेजी से बिगड़ने लगते हैं, जबकि कुछ लोगों में इसका निदान होने में 10 साल या उससे अधिक समय लग सकता है। आईपीएफ के इलाज का मुख्य लक्ष्य लक्षणों को नियंत्रित करने के साथ सांस लेने की प्रक्रिया को आसान बनाना होता है। गंभीर मामलों में फेफड़ों के ट्रांसप्लांट कराने की जरूरत हो सकती है।
इस लेख में हम इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण, कारण और इसके इलाज के प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।