कापोसी सार्कोमा एक प्रकार का कैंसर है, जो रक्त और लसीका वाहिकाओं (Lymph vessels) की परतों में बनता है। कपोसी सार्कोमा का ट्यूमर (घाव) आमतौर पर पैर और चेहरे पर बिना दर्द के बैंगनी निशान के रूप में दिखाई देता हैं। ट्यूमर का यह घाव जननांग क्षेत्र, मुंह और लसीका ग्रंथी में भी हो सकता है। गंभीर कार्पोसी सार्कोमा में घाव पाचन तंत्र और फेफड़ों में विकसित हो जाते हैं।
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कापोसी सार्कोमा, मानव हर्पीस वायरस-8 (Human herpesvirus 8/ HHV-8/एचएचवी-8) नामक वायरस के संक्रमण के कारण होता है। स्वस्थ व्यक्तियों में एचएचवी-8 का संक्रमण होने पर किसी प्रकार के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली इस संक्रमण को नियंत्रण में रखती है। जबकि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में एचएचवी-8 के संक्रमण से कापोसी सार्कोमा होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी; HIV) से संक्रमित लोगों को कापोसी सार्कोमा होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। एचआईवी की वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और ऐसे में एचएचवी-8 तीव्र गति से बढ़ाता है।
इसके अलावा अंग प्रत्यारोपण के मामले में अंग को लेने वाला व्यक्ति, शरीर के द्वारा प्रत्यारोपण की अस्वीकृति को रोकने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को कम करने वाली दवाएं लेते हैं, जिसके परिणामस्वरूप भी कापोसी सार्कोमा होने का खतरा बढ़ जाता है। एड्स के रोगियों को छोड़कर अन्य व्यक्तियों में इस रोग को नियंत्रित करना आसान होता है।