प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर गर्भवती महिला की क्रेविंग्स यानी कुछ चीजों को खाने की तीव्र इच्छा होती है और कई बार तो यह तीव्र इच्छा कई ऐसी चीजों को भी खाने के लिए हो सकती है जिसे 'अनहेल्दी' फूड्स की कैटिगरी में रखा जाता है। फिर चाहे वह जंकफूड हो, चाइनीज फूड हो, आइसक्रीम हो या फिर चॉकलेट। हालांकि चॉकलेट को गर्भावस्था में अनहेल्दी माने जाने वाले खाद्य पदार्थों की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि प्रेगनेंसी में चॉकलेट का सेवन करना पूरी तरह से सुरक्षित है। 

साल 2016 में अटलांटा में प्रेगनेंसी मीटिंग ऑफ द सोसायटी फॉर मैटरनल-फीटल मेडिसिन के दौरान एक स्टडी को सामने रखा गया जिसमें ये बताया गया था कि अगर गर्भवती महिला रोजाना करीब 30 ग्राम चॉकलेट का सेवन करे तो इससे उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास में मदद मिलती है। इतना ही नहीं प्रेगनेंसी में चॉकलेट खाने से प्री-एक्लेम्प्सिया का खतरा कम होता है और प्लेसेंटा भी बेहतर तरीके से फंक्शन करता है। साथ ही स्टडी में यह भी बताया गया कि प्रेगनेंसी के दौरान चॉकलेट खाने से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को भी कम करने में मदद मिलती है। 

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दरअसल, चॉकलेट में फ्लैवनॉयड्स और मैग्नीशियम पाया जाता है जो ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और कार्डियोवस्कुलर प्रॉब्लम्स को दूर करने में मदद करते हैं। लिहाजा अगर आप गर्भवती हैं और आपके मन में भी यह सवाल है कि क्या आप प्रेगनेंसी के दौरान चॉकलेट खा सकती हैं? तो जवाब है कि हां आप गर्भावस्था के दौरान चॉकलेट खा सकती हैं लेकिन लिमिट में रखकर क्योंकि चॉकलेट में कैफीन भी पाया जाता है और प्रेगनेंसी के दौरान कैफीन का अधिक सेवन आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको यही बता रहे हैं कि प्रेगनेंसी में चॉकलेट खाने के फायदे और ज्यादा चॉकलेट खाने के नुकसान क्या हैं।

  1. प्रेगनेंसी में चॉकलेट खाने के फायदे - Pregnancy me chocolate khane ke fayde
  2. प्रेगनेंसी में चॉकलेट खाने के नुकसान - Pregnancy me chocolate khane ke nuksan
  3. प्रेगनेंसी में कितनी और कौन सी चॉकलेट खाएं? - Pregnancy me kaun si chocolate khaye?
  4. सारांश

प्रेगनेंसी में अगर आपको चॉकलेट खाने के मन कर रहा हो तो खुद को न रोकें चॉकलेट खा लें लेकिन लिमिट में रखकर खाएं और वह भी डार्क चॉकलेट खाएं क्योंकि नॉर्मल चॉकलेट की तुलना में डार्क चॉकलेट गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए ज्यादा फायदेमंद है:

प्री-एक्लेम्प्सिया का खतरा कम
प्री-एक्लेम्प्सिया एक ऐसी समस्या है जिसमें गर्भवती महिला का ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है और प्रोटीन का लेवल भी बढ़ जाता है। इस कारण प्रीमैच्योर लेबर का खतरा हो सकता है, गर्भाशय में ऐंठन हो सकती है, खून का थक्का (ब्लड क्लॉट) जमने लगता है और लिवर भी क्षतिग्रस्त हो सकता है। लिहाजा प्रेगनेंसी के दौरान चॉकलेट खाने से प्री-एक्लेम्प्सिया के खतरे को 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है और यह गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में ज्यादा फायदेमंद है।

इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार
चॉकलेट्स में पाया जाने वाला फ्लैवनॉयड्स एंटीऑक्सिडेंट्स का बेहतरीन सोर्स है जो प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का काम करता है। लिहाजा फ्लैवनॉयड्स से भरपूर डार्क चॉकलेट खाने से गर्भवती महिला का इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है जिससे ब्लड प्रेशर को भी कम करने में मदद मिलती है। 

(और पढ़ें : दिमाग पर चॉकलेट का असर अच्छा या बुरा)

तनाव दूर करती है चॉकलेट
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में हार्मोन्स का लेवल ऊपर-नीचे होता रहता है और इस वजह से कई महिलाओं के लिए प्रेगनेंसी बेहद तनावपूर्ण भी हो सकती है। ऐसे में चॉकलेट इस तनाव को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकती है। अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो रोजाना डार्क चॉकलेट का सेवन करने से स्ट्रेस के लेवल को काफी हद तक कम करने में मदद मिलती है। 

बच्चा होगा खुश और उत्साहित
रिसर्च में यह बात भी सामने आयी है कि जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान डार्क चॉकलेट का सेवन करती हैं डिलिवरी के बाद उनका बच्चा खुश और उत्साहित रहता है। स्टडी में इस बात की ओर भी इशारा किया गया कि चॉकलेट, नवजात शिशु को मां से जुड़े किसी भी तरह के तनाव से भी दूर रखती है।

मिसकैरेज का खतरा कम
मिसकैरेज को होने से रोकने के लिए सावधानियां बरतने के अलावा आप कुछ और नहीं कर सकतीं लेकिन एक स्टडी में यह बात सामने आयी है कि जिन महिलाओं ने गर्भावस्था की पहली तिमाही में रोजाना चॉकलेट का सेवन किया उनमें मिसकैरेज होने का खतरा 20 प्रतिशत तक कम हो गया। 

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ऊपर हमने भले ही आपको प्रेगनेंसी में चॉकलेट खाने के कई फायदों के बारे में बताया हो लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप हर वक्त जितना मन करे बस चॉकलेट ही खाती रहें। प्रेगनेंसी में चॉकलेट की क्रेविंग्स को कंट्रोल में रखना जरूरी है क्योंकि बहुत ज्यादा चॉकलेट खाने के कई नुकसान भी हो सकते हैं:

चॉकलेट में कैलोरीज अधिक
चॉकलेट में काफी मात्रा में फैट और कैलोरीज भी होती हैं जिस कारण अनचाहा वजन बढ़ सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान अगर मोटापा या ओवरवेट की समस्या हो जाए तो जेस्टेशनल डायबिटीज, वैरीकोज वेन्स, हाई बीपी जैसी समस्याओं के साथ ही सी-सेक्शन डिलिवरी का भी खतरा बढ़ जाता है।

चीनी की अधिकता
भले ही आप प्रेगनेंसी के दौरान डार्क चॉकलेट का सेवन क्यों न करें लेकिन इसमें चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है। आपको बता दें कि करीब 45 ग्राम डार्क चॉकलेट बार में 20 ग्राम तक चीनी होती है और बहुत ज्यादा चीनी का सेवन करने से प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली डायबिटीज, दांतों से जुड़ी समस्याएं और वजन बढ़ना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। 

कैफीन की अधिकता
चॉकलेट में कैफीन भी होता है और गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा कैफीन का सेवन करने से शरीर की नॉर्मल क्रियाएं प्रभावित हो सकती हैं। बहुत ज्यादा कैफीन का सेवन करने से सीने में जलन की समस्या हो सकती है और मिसकैरेज का भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। 

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मिल्क चॉकलेट, वाइट चॉकलेट या नॉर्मल चॉकलेट की जगह डार्क चॉकलेट को गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा सेफ माना जाता है। लिहाजा अगर गर्भावस्था के दौरान आपको भी चॉकलेट खाने की क्रेविंग हो रही हो तो डार्क चॉकलेट का सेवन करें लेकिन लिमिट में रहकर। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपकी चॉकलेट में चीनी और कैफीन की मात्रा कम हो।

इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान आप कितनी चॉकलेट खा सकती हैं यह पूरी तरह से आपकी सेहत पर निर्भर करता है। अगर आपको जेस्टेशनल डायबिटीज या किसी और तरह की कोई समस्या नहीं है तो आप चॉकलेट खा सकती हैं। लेकिन अपने डॉक्टर से बात करें और उनसे इस बारे में जानकारी लें कि आपके लिए गर्भावस्था में चॉकलेट सेफ है या नहीं, और आप कितनी चॉकलेट खा सकती हैं।

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गर्भावस्था में चॉकलेट खाना, सीमित मात्रा में, फायदेमंद हो सकता है। चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो तनाव को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद थिओब्रोमाइन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी सहायक है। हालांकि, अधिक मात्रा में चॉकलेट खाने से शुगर और कैफीन की मात्रा बढ़ सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए, संतुलित मात्रा में चॉकलेट का सेवन करना सुरक्षित और लाभदायक माना जा सकता है।

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