रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना का क्या मतलब होता है?
रक्त में बहुत अधिक यूरिक एसिड बढ़ने को चिकित्सीय भाषा में हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) कहा जाता है। यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे गाउट (आर्थराइटिस का एक दर्दनाक रूप)। यह समस्या अन्य स्वास्थ्य स्थितियों जैसे हृदय रोग, शुगर और किडनी रोग से भी सम्बंधित है।
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आपके द्वारा खाए गए भोजन और शरीर की कोशिकाओं के टूटने की प्राकृतिक प्रक्रिया के द्वारा यूरिक एसिड बनता है।
गुर्दे खून में से अधिकतर यूरिक एसिड को साफ कर देते हैं, जो फिर मूत्र के माध्यम से शरीर से बहार निकल जाता है। इसके अलावा यूरिक एसिड का कुछ भाग मल के द्वारा भी शरीर से बाहर निकलता है। लेकिन इसके अधिक बनने की स्थिति में किडनी रक्त से इसको हटा नहीं कर पाती है। इसके चलते रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है।
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रक्त में यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़ों में ठोस क्रिस्टल (crystal) बन सकते हैं। इसकी वजह से गाउट रोग हो सकता है, जो कि बहुत दर्दनाक होता है। अगर गोउट का इलाज न किया जाए तो यह यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोड़ों और उनके आसपास के ऊतकों में एकत्रित होकर एक गांठ का रूप ले लेते हैं। इस गाँठ को चिकिस्त्सिये भाषा में "टोफी" (Tophi) कहा जाता है। यूरिक एसिड बढ़ने से गुर्दे की पथरी या गुर्दे खराब होने की समस्या हो सकती है।
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रक्त में यूरिक एसिड के स्तर का पता लगाने के लिए 'ब्लड यूरिक एसिड टेस्ट' किया जाता है।