अनुचित एंटीएंटीडाइयूरेटिक हार्मोन सिंड्रोम क्या है?
एंटीएंटीडाइयूरेटिक हार्मोन (Antidiuretic hormone; ADH; हार्मोन जो आपके गुर्दे को बतता है कितना पानी बचाना है) का निर्माण हाइपोथैलेमस (hypothalamus) नामक मस्तिष्क के एक क्षेत्र द्वारा किया जाता है। इस हार्मोन को पिट्यूटरी ग्रंथि से स्त्रावित या बचाया जाता है। आपके शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने और बाहर करने का काम एंटीडियूरेक्टिक हार्मोन नियंत्रित करता है।
एंटीएंटीडाइयूरेटिक हार्मोन (जिसे वसोप्रसेन भी कहा जाता है) अधिक होने की स्थिति को अनुचित एंटीएंटीडाइयूरेटिक हार्मोन (एसआईएडीएच) का सिंड्रोम कहा जाता है। इसका अधिक उत्पादन हाइपोथेलेमस के अलावा अन्य स्थानों में भी हो सकता है।
एसआईएडीएच आपके शरीर से पानी निकलने में समस्या पैदा कर देता है। इसके अतिरिक्त एसआईएजीएच पानी को बचाने के दौरान इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे सोडियम के स्तर को नीचे करने का कारण बनता है। कम सोडियम स्तर या हाइपोनैत्रमिया (रक्त में सोडियम के स्तर की कमी) एसआईएडीएच की एक बड़ी जटिलता है और इसके कई लक्षणों के लिए जिम्मेदार भी है। इसके प्रारंभिक लक्षण कम जटिल हो सकते हैं और जिसमें ऐंठन, मतली और उल्टी होना देखा जाता है। वहीं गंभीर मामलों में यह रोग भ्रम, दौरे और कोमा में जाने की स्थिति पैदा कर सकता है।
आमतौर पर इसका शुरूआती उपचार तरल पदार्थों के सीमित सेवन से शुरू किया जाता है, जिससे इसका बढ़ना कम किया जा सकता है। इसके लिए अपनाएं जाने वाले अतिरिक्त उपचार इसके होने के कारणों पर भी निर्भर करते हैं।
इस सिंड्रोम को एक्टोपिक एडीएच स्रावित (ectopic ADH secretion) नाम से भी जाना जाता है।