पीलिया (जॉन्डिस) क्या है?
पीलिया होने का कारण बिलीरुबिन नामक पदार्थ है जिसका निर्माण शरीर के ऊतकों और रक्त में होता है। जब लिवर में लाल रक्त कोशिकाएं टूट जाती हैं, तब पीले रंग का बिलीरुबिन नामक पदार्थ बनता है। जब किसी परिस्तिथि के कारण यह पदार्थ रक्त से लिवर की ओर और लिवर द्वारा फिल्टर कर शरीर से बाहर नहीं जा पाता है, तो पीलिया होता है।
पीलिया एक ऐसा रोग है जिसमें टोटल सीरम बिलीरूबिन का स्तर 3 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) से ऊपर बढ़ जाता है।
इसके मुख्य लक्षणों में आंखों के सफेद हिस्सा, म्यूकस मेम्बरेन (अंदरुनी नरम ऊतकों की परत) और त्वचा का रंग पीला पड़ जाता है। पीलिया आमतौर पर नवजात शिशुओं को होता है, लेकिन यह कुछ मामलों में यह वयस्कों को भी हो जाता है। पीलिया कई बार कुछ अन्य लक्षण भी महसूस होने लग जाते हैं, जैसे पेट में दर्द, भूख ना लगना और वजन घटना आदि।
बच्चों में पीलिया का इलाज करने के लिए फोटोथेरेपी की जाती है और खून चढ़ाया जाता है। वयस्कों में इस स्थिति का इलाज करने के लिए पीलिया का कारण बनने वाली स्थिति का इलाज करना, दवाएं व कुछ मामलों में ऑपरेशन आदि किया जा सकता है।
यदि इसको बिना इलाज किए छोड़ दिया तो यह मस्तिष्क को प्रभावित कर देता है। इससे अन्य कई प्रकार के जटिलताएं भी विकसित हो सकती हैं, जैसे सेप्सिस, लीवर काम करना बंद कर देना या इनसे संबंधी अन्य समस्याएं आदि।
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