दांत में प्लाक का उपचार कैसे करें?
दांत से मैल और टार्टर को हटाना आवश्यक होता है क्योंकि इससे दांतों में सड़न व मसूड़ों के रोग होने के जोखिम बढ़ जाते हैं। यदि इसे बिना उपचार किए छोड़ दिया जाए तो क्रोनिक जिंजीवाइटिस और डिजेनरेटिव टूथ लॉस (Degenerative tooth loss) हो सकता है। जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी अंतर्निहित समस्या है उनके लिए परिणाम काफी गंभीर हो सकते हैं।
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सही तरीके के साथ दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें:
- जब आप ब्रश कर रहे होते हैं तो ब्रश को 45 डिग्री के कोण पर मसूड़ों पर लगाकर हल्के-हल्के ब्रश करें।
- दांत की चौड़ाई के अनुसार ब्रश को हल्के-हल्के गोलाई में घुमाकर ब्रश करें
- ब्रश के साथ पूरे मुंह की सफाई करने की कोशिश करें, दांतों का अंदरुनी और बाहरी तथा ऊपर-नीचे की परत को हल्के ब्रश के साथ रोजाना साफ करें।
- बैक्टीरिया को बाहर निकालने और सांस की बदबू को दूर करने के लिए जीभ पर ब्रश करें।
- ब्रश करते समय पूरे 2 मिनट का समय लगाएं।
दांतों के बीच की सफाई:
सिर्फ दांत ही ऐसी जगह नहीं है जहां पर मैल इकट्ठा होता है। मैल आपके दांतों की बीच की जगह में भी छिप सकता है। इसको निकालने के लिए फलॉसिंग (धागे से दांतों की सफाई करना) या इस जैसे अन्य उपकरणों का इस्तेमाल करें।
माउथवॉश का इस्तेमाल करना:
क्लोरेक्साइडिन एक सामान्य रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला एंटीसेप्टिक माउथवॉश है। यदि आपको इसका उपयोग करने की सलाह दी जाती है तो आपको अपने दांतों को ब्रश करने और क्लोरेक्साइडिन का उपयोग करने के बीच के समय में पानी के साथ अपने मुंह को कुल्ला करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि टूथपेस्ट में कुछ ऐसे तत्व हो सकते हैं, जो क्लोरेक्साइडिन को निष्क्रिय कर देते हैं। क्लोरेक्साइडिन को लगातार 7 से 10 दिन या उससे अधिक समय तक इस्तेमाल करने से दांतों में भूरे रंग के दाग पड़ सकते हैं। इस दाग को डेन्टिस्ट या डेन्टल हाईजीनिस्ट आसानी से पॉलिश करके साफ कर देते हैं। दाग को निम्न की मदद से कम किया जा सकता है:
- क्लोरेक्साइडिन का इस्तेमाल करने से पहले ब्रश करना (लेकिन बाद में ब्रश न करें)
- क्लोरेक्साइडिन का इस्तेमाल करने के 2-3 घंटे बाद तक ऐसे पेय पदार्थ ना पिए जिनमें टेनिन (Tannin) होता है (उदाहरण के लिए चाय या कॉफी)
- उच्च शक्ति के सोलूशन की जगह पर 0.2 प्रतिशत सोलूशन का प्रयोग करें।
अपने आहार की में शुगर और स्टार्च की मात्रा को कम करें:
जब आप भोजन करना बंद करते हैं, तो बैक्टीरिया मुंह में बचे शुगर में पहुंच जाते हैं और उसे खाने लगते हैं। भोजन में जितना मीठा होगा, आपको ब्रश करते समय उतने ही अधिक बैक्टीरिया से निपटना पड़ेगा। मीठे खाद्य पदार्थ अम्लीय (Acidic) होते हैं जो सड़न पैदा करते हैं। उन्हें जितना हो सके कम मात्रा में खाएं, ऐसा करके आप दांत संबंधी समस्याओं से बचे रहेंगे।
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सबसे गंभीर कारण जिनमें निम्न शामिल हैं:
- स्टार्च वाले खाद्य पदार्थ जैसे ब्रैड और आलू के चिप्स
- चिपचिपी कैंडी जो दांतों में चिपकती है
- कार्बोनेटेड सोफ्ट ड्रिंक
- शराब
जब आप ऊपरोक्त खाद्य पदार्थों में से किसी का सेवन करते हैं, तो भोजन के फंसे हुऐ टुकड़ों को निकालने के लिए और मुंह को नम रखने के लिए खूब मात्रा में पानी पिएं। भोजन करने के समय के बीच में स्नैक ना लें और अपने दांतों को सफेद रखने के लिए खाना खाने के बाद ब्रश करें। यदि आप कहीं ऐसी जगह पर खा रहें है जहां आप ब्रश नहीं कर सकते तो शुगरलेस (शक्कर रहित) चुइंगम चबाएं।
नियमित रूप से पेशेवर (विशेषज्ञ) से सफाई करवाते रहें:
भले ही घर पर आप सख्त मौखिक स्वच्छता का रुटीन अपनाते हैं, फिर भी आपको हर 6 महीने में एक बार डेंन्टिस्ट से चेकअप करवाना चाहिए। एक डेंन्टिस्ट ही आपको आपके दांतों के लिए संपूर्ण और मानकों के मुताबिक सफाई प्रदान कर सकता है, जिसकी मदद से आप जिद्दी टार्टर और आसानी से नजर न आ पाने वाले प्लाक से छुटकारा पा सकते हैं।
अक्सर डेंन्टिस्ट के पास जाते रहें:
आपके प्लाक की ज्यादातर रोकथाम आपकी दिनचर्या के दौरान ही की जाती है। फिर भी साल में कम से कम दो बार डेन्टिस्ट से दांतों का चेक-अप करवाना जरूरी होता है।
इसके अलावा जो दाग आपकी पहुंच से दूर हैं या आपको दिखाई नहीं दे रहे, उनको एक बड़ी समस्या बनने से पहले ही डेन्टिस्ट उनका पता लगा लेते हैं।
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