टीबी के लक्षण क्या होते हैं?
टीबी से शरीर का जो हिस्सा प्रभावित होता है, उसी के आधार पर टीबी के लक्षण विकसित होते हैं। टीबी आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते है, और आपको यह पता लगने में कई हफ्ते लग जाते हैं कि आप अस्वस्थ हैं। हो सकता है कि संक्रमित होने के बाद आपके लक्षण महीनों और यहां तक कि साल बाद शुरू होने लगें।
एक संक्रमित व्यक्ति लंबे समय तक संक्रामक रह सकता है (जब तक उसके थूक में टीबी जीवक्षम मौजूद रहते हैं) और तब तक संक्रामक रह सकता है, जब तक उसका कई हफ्ते उपचार ना किया जाए। हालांकि कुछ लोग संक्रमित तो हो जाते हैं, लेकिन संक्रमण को दबा लेते हैं, जिससे कई सालों बाद उनमें लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ऐसे लोगों में कई बार कोई लक्षण पैदा नहीं होता और ना ही वे संक्रामक बनते।
जिन लोगों को लेटेंट (Latent) टीबी होता है उन्हें टीबी के कोई लक्षण महसूस नहीं होते हैं। लेटेंट (Latent) टीबी सक्रिय (Active) टीबी में विकसित होने से पहले कई सालों तक निष्क्रिय रहता है।
सक्रिय (Active) टीबी से पीड़ित मरीज़ को श्वसन प्रणाली सम्बंधित कई लक्षण महसूस हो सकते है जैसे खांसी के साथ खून या बलगम आना। उन्हें 3 हफ़्तों से अधिक समय तक खांसी हो सकती है और खांसने और सांस लेते समय दर्द महसूस हो सकता है।
इसके आलावा आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हो सकते हैं:
टीबी आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है लेकिन यह अन्य अंगों जैसे गुर्दे, रीढ़, और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है। आपके लक्षण संक्रमित अंग पर निर्भर करेंगे।
फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों में होने वाला टीबी –
कुछ कम ही मामलों में टीबी फेफड़ों के बाहर के क्षेत्रों में विकसित हो सकता है। जैसे छोटी ग्रंथियां जो प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा होती है (लिम्फ नोड्स), हड्डियों व जोड़ों, पाचन तंत्र, मूत्राशय व प्रजनन प्रणाली और मस्तिष्क व नसें आदि (तंत्रिका तंत्र)।
लक्षणों में शामिल हो सकते हैं -
- पीठ में अकड़न
- लकवा
- ग्रंथियों में स्थिर सूजन
- पेट में दर्द
- डायरिया (दस्त)
- प्रभावित हड्डी में दर्द व उसके कार्य में कमी होना
- भ्रम
- एक स्थिर सिरदर्द
- मानसिक परिवर्तन
- कोमा
- दौरे पड़ना (फिट्स)
टीबी का यह प्रकार आमतौर पर उन लोगों को ज्यादा जिसकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए
अगर आपके परिवार में या कोई करीबी सहयोगी सक्रिय टीबी से ग्रस्त मिला है, तो आपको भी टीबी के लिए टेस्ट करवाना चाहिए।
संपर्क के लिए खतरनाक समय उपचार से पहले ही होता है। एक बार जब दवाओं के साथ उपचार शुरू हो जाता है तो मरीज कुछ ही हफ्तों में गैर-संक्रामक हो जाता है।
अगर ट्यूबरकुलोसिस के इलाज के लिए लिखी गई दवाओं से आपको कुछ साइड-इफेक्ट महसूस होते हैं, जैसे खुजली, त्वचा के रंग में बदलाव, दृष्टि में परिवर्तन, थकान या अत्याधिक थकान महसूस होना आदि। ऐसी स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
जिन लोगों में टीबी होने की संभानाएं ज्यादा हैं उनको लेटेंट (गुप्त) टीबी संक्रमण के लिए जांच करवा लेनी चाहिए। निम्न लोगों में टीबी होने की संभावनाएं अधिक होती हैं:
- एचआईवी एड्स से ग्रस्त लोग
- इंट्रावेनस द्वारा ड्रग लेने वाले लोग
- वे लोग जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हैं
- स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता जो टीबी के उच्च जोखिम वाले लोगों का इलाज करते हैं