चिकन पॉक्स (छोटी माता) - Chickenpox in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

June 28, 2017

April 13, 2023

चिकन पॉक्स
चिकन पॉक्स

चिकन पॉक्स कौन सी बीमारी है? माता आना क्या होता है?

चिकन पॉक्स वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस (वीजेडवी; VZV) के कारण होने वाली एक बहुत ही संक्रामक बीमारी है। इससे छाले या फफोले जैसे दानें, खुजली, थकान और बुखार होता है। यह पेट, पीठ और चेहरे पर पहले दिखाई देता है और फिर पूरे शरीर में फैल जाता है। उसके बाद 250 से 500 खुजली वाले छाले या फफोले हो जातें हैं। चिकन पॉक्स गंभीर हो सकता है, खासकर बच्चों, वयस्कों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में। चिकन पॉक्स को रोकने का सबसे अच्छा तरीका चिकन पॉक्स वैक्सीन प्राप्त करना है। लगभग 2 सप्ताह में अधिकांश लोग ठीक हो जाते हैं।

VZV अत्यधिक श्वसन बूंदों या संक्रमित व्यक्ति के त्वचा के घावों/दानें के सीधे संपर्क से फैलता है। एक अध्ययन के मुताबिक़ भारत में चिकेनपॉक्स गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में ज़्यादा होता है।

(और पढ़ें - चर्म रोग)

चिकन पॉक्स कितनी बार होता है? - How many times can you get chicken pox in Hindi?

हालांकि ऐसा बहुत कम होता है, लेकिन आपको एक से अधिक बार चिकन पॉक्स हो सकता है। जिन लोगों को चिकन पॉक्स हुआ है, उनमें से अधिकांश को अपने शेष जीवन के लिए इससे इम्यूनिटी मिल जाती है।

आपको दोबारा चिकन पॉक्स होने का चांस ज्यादा हो सकता है अगर -

  • आपको पहली बार चिकन पॉक्स तब हुआ था जब आप 6 महीने से कम उम्र के थे।
  • चिकनपॉक्स का आपका पहला मामला बेहद हल्का था।
  • आपकी इम्यूनिटी कमजोर है।

चिकन पॉक्स को हिंदी में क्या कहते हैं? - What is chicken pox called in Hindi?

चिकन पॉक्स को हिंदी में छोटी माता कहा जाता है, जो कि वैरिसेला-जोस्टर वायरस के कारण होता है. इस वायरस में काफी इन्फ़ेक्शन होता है और यह सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित करता है. कई बार व्यस्क भी इसकी चपेट में आ जाते हैं.

चेचक में शरीर पर लाल रंग के फफोले पड़ने शुरू हो जाते हैं, यह फफोले कुछ दिनों बाद फूट जाते हैं और रिसना शुरू हो जाते हैं और धीरे-धीरे उसपर पपड़ी जमनी शुरू हो जाती है, जिसमें काफी खुजली भी होती है. अगर किसी को यह परेशानी हुई है तो उसके संपर्क में आने के बाद व्यक्ति में 10 से 12 दिन के अंदर-अंदर इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं. हालांकि कुछ लोग मात्र दो हफ्ते में ही छोटी माता से ठीक हो जाते हैं.

चिकन पॉक्स (छोटी माता) के लक्षण - Chickenpox Symptoms in Hindi

चिकन पॉक्स संक्रमण वायरस के संपर्क के 10 से 21 दिन बाद होता है और आम तौर पर लगभग 5 से 10 दिनों तक रहता है। दाने चिकन पॉक्स होने का संकेत हैं। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को चिकन पॉक्स का सबसे ज़्यादा खतरा होता है। अन्य लक्षण जो दाने होने से एक से दो दिन पहले हो सकते हैं, वो निम्नलिखित हैं:

  1. बुखार (और पढ़ें – बुखार का घरेलू उपाय)
  2. भूख में कमी
  3. सिरदर्द
  4. थकान और अस्वस्थ होने की भावना

एक बार चिकन पॉक्स के चकत्ते आ जाते हैं तो, यह तीन चरणों में जाते हैं:

  1. उठे हुए गुलाबी या लाल फूले हुए दाने (पैप्यूल), जो कि कई दिनों में खत्म होते हैं।
  2. छोटे द्रव से भरे छाले (vesicles), यह फटने से एक दिन पहले उभरे हुए दानों से बनते हैं। 
  3. क्रस्ट और स्कैब्स (खुजली वाले घाव), जो टूटे हुए फॉल्स को कवर करते हैं और यह सही होने के लिए कई और दिन लेते हैं।

दाने के साथ, चक्कर आना, भटकाव महसूस करना, दिल की धड़कन तेज होना, सांस की तकलीफ, झटके, मांसपेशियों के समन्वय की कमी, खांसी बढ़ना, उल्टी, गर्दन में कठोरता महसूस करना या बुखार 102 डिग्री आदि जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

नए दाने काफी दिन होते रह सकते हैं। नतीजतन, आपको एक ही समय पर तीनो चरण के चक्कते हो सकते हैं - दाने; छाले; व खुजली वाले घाव। एक बार संक्रमित होने के बाद, आप दाने प्रकट होने के 48 घंटे पहले तक वायरस फैला सकते हैं, और जब तक सभी घाव सूख नहीं जाते तब तक आप संक्रामक रहते हैं।

यह रोग आमतौर पर स्वस्थ बच्चों में कम गंभीर होता है। गंभीर मामलों में, दाने पूरे शरीर में फैल सकते हैं, और घाव गले, आँख, मूत्रमार्ग, गुदा और योनि के श्लेष्म झिल्ली में हो सकता है। नए दाने कई दिनों तक प्रदर्शित होते हैं।

चिकन पॉक्स (छोटी माता) के कारण - Chickenpox Causes in Hindi

चिकन पॉक्स, जो वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस के कारण होता है, बेहद संक्रामक होता है, और यह काफी जल्दी फैल सकता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के छींकने से हवा में फैली बूंदों द्वारा या चक्कतों के सीधे संपर्क के द्वारा फैलता है।

चिकन पॉक्स होने का खतरा वयस्कों में अधिक होता है यदि:

  1. चिकन पॉक्स पहले नहीं हुआ है। 
  2. चिकन पॉक्स का टीका नहीं लगा है। 
  3. स्कूल या चाइल्ड केयर सुविधा में काम करते हों।  
  4. बच्चों के साथ रहते हों (क्यूंकि इसकी संभावना बच्चों में ज़्यादा होती है)। 

अधिकांश लोग जिन्हे चिकन पॉक्स हो चुका है या उसका टीका लग चुका है, वे चिकन पॉक्स से प्रतिरक्षित होते हैं। यदि आपको टीके के बाद यह होता है तो वह ज़्यादा गंभीर नहीं होगा। अधिकाँश लोगों को चिकन पॉक्स एक से ज़्यादा बार होना दुर्लभ है। 

चिकन पॉक्स (छोटी माता) से बचाव - Prevention of Chickenpox in Hindi

चिकन पॉक्स आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यदि आपको चिकन पॉक्स कभी नहीं हुआ है या चिकन पॉक्स टीका (वेरिसेला वैक्सीन/टीका) कभी नहीं लगवाया है, तो आपको चिकन पॉक्स होने की संभावना ज़्यादा है।

यदि आप या आपका बच्चा प्रतिरक्षित नहीं है, तो टीका प्राप्त करके चिकन पॉक्स को रोका जा सकता है। यह टीका लगवाना निम्नलिखित लोगों के लिए सलाहित है -

  1. 12 महीने की आयु के सभी स्वस्थ बच्चों को और जिनको यह पहले न हुआ हो। 
  2. स्वस्थ लोग, जिन्हे यह याद नहीं कि बचपन में टीका लिया था या नहीं।
  3. जो महिलाएं गर्भवती होने की योजना बना रही हैं।
  4. महिलाओं जो प्रतिरक्षित नहीं है, उनके लिए चिकन पॉक्स और गर्भावस्था एक खतरनाक संयोजन हो सकता है। गर्भावस्था होने से पहले वेरिसेला वैक्सीन/टीका लगवाने से गर्भावस्था के दौरान होने वाले चिकेन पॉक्स की जटिलताओं से राहत मिलती है। वैक्सीन के सही समय के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

आप वायरस से संक्रमित लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें। यह अधिक महत्वपूर्ण तब होता है जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली ज़्यादा कमज़ोर होती है। लेकिन लक्षण विकसित होने के पहले ही संक्रमित व्यक्ति से वायरस फैल सकता है।

विषाणु के संपर्क में होने के बाद चिकन पॉक्स को रोकें -

  1. यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में हैं जिसको चिकन पॉक्स है और आपको यकीन नहीं है कि आप प्रतिरक्षित हैं या नहीं हैं, तो वेरिसेला वैक्सीन का एक शॉट आपको बीमारी से रोक सकता है,या इस बीमारी को हल्का बना सकता है।
  2. यदि आपको चिकन पॉक्स का टीका/वेरिसेला वैक्सीन नहीं दिया जा सकता है (उदाहरण के लिए, गर्भावस्था के दौरान) तो एंटीबॉडी (इम्युनोग्लोबुलिन) या एंटीवायरल दवा का एक शॉट चिकन पॉक्स को रोकने में मदद कर सकता है।
  3. चिकन पॉक्स वैक्सीन (वेरिसेला वैक्सीन) उपलब्ध होने से पहले, परिवारों में अक्सर हफ़्तों तक यह वायरस रहता था क्योंकि यह एक व्यक्ति से दुसरे को होता था। इस वैक्सीन की उपलब्धि से पहले लोग अपने बच्चों को जानबूझ कर चिकन पॉक्स से संक्रमित करते थे ताकि यह बिमारी एक बार हो जाए और भविष्य में इसके प्रति प्रतिरक्षा बन जाए (क्योंकि वयस्कों में यह बीमारी और भी गंभीर रूप ले सकती है)। परन्तु अपने बच्चों को संक्रमित करना उचित नहीं है क्योंकि इससे निमोनिया व इंसेफलाइटिस जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। अब टीका उपलब्ध है व सबसे सुरक्षित विकल्प है। अपने बच्चे को टीका ज़रूर लगवाएं।  
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चिकन पॉक्स (छोटी माता) का परीक्षण - Diagnosis of Chickenpox in Hindi

डॉक्टर आमतौर पर शरीर पर हुए दानों को देख कर ही चिकन पॉक्स का निदान करते हैं।

यदि निदान के बारे में कोई संदेह है, तो रक्त परीक्षण या घाव के नमूने की जांच प्रयोगशाला में कराएं। इससे चिकनपॉक्स की पुष्टि हो सकती है।

चिकन पॉक्स (छोटी माता) का इलाज - Chickenpox Treatment in Hindi

स्वस्थ बच्चों में चिकन पॉक्स के लिए चिकित्सा उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। यह बीमारी ठीक होने के लिए अपना समय लेती ही है। हालांकि, खुजली को दूर करने के लिए आपके डॉक्टर एन्टीहिस्टमाइन दे सकते हैं।

(और पढ़ें - खुजली दूर करने के घरेलू उपाय)

चिकन पॉक्स (छोटी माता) के नुकसान - Chickenpox Complications in Hindi

चिकन पॉक्स आम तौर पर एक कम गंभीर बीमारी है। परन्तु ये गंभीर हो सकती है और इससे मृत्यु व अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती है; खासकर जोखिम वाले लोगों में। जटिलताओं में शामिल हैं-:

  1. त्वचा, कोमल ऊतक; हड्डियों, जोड़ों या रक्तप्रवाह (सेप्सिस) में बैक्टीरिया संक्रमण।
  2. निर्जलीकरण।
  3. निमोनिया। (और पढ़ें – निमोनिया का घरेलू इलाज)
  4. मस्तिष्क की सूजन (इंसेफेलाइटिस)।
  5. टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम।
  6. रेये सिंड्रोम (Reye Syndrome) उन लोगों के लिए जो चिकनपॉक्स के दौरान एस्पिरिन लेते हैं।

छोटी माता कितने दिन रहती है? - How long does chicken pox last in Hindi?

जिस भी मरीज को चिकेन पॉक्स या छोटी माता की वैक्सीन नहीं लगी है वह इसका शिकार हो सकता है. यह परेशानी मरीज को ज्यादा से ज्यादा 4 से सात दिनों तक होती है. छोटी माता की शुरुआत में शरीर पर निकलने वाले दाने लाल हो जाते हैं, जिसमें पानी भर जाता है और खुजली होनी भी शुरू हो जाती है. यह दाने चेहरे, छाती और कमर जैसी शरीर की कई जगहों पर हो सकते हैं. कई बार छोटी माता मुंह के अंदर और आईलिड जैसी नाजुक जगहों पर भी पहुंच जाती है. आमतौर पर इन छालों पर पपड़ी बनने में करीब एक हफ्ते का समय लगता है.

चिकेन पॉक्स को कैसे ठीक किया जाये?

कई बार बच्चों को हुए चिकेन पॉक्स में किसी खास ईलाज की जरूरत नहीं होती है. हालांकि खुजली से राहत के लिए डॉक्टर एंटीहिस्टामाइन लिख सकता है. लेकिन चिकेन पॉक्स के कई मरीजों को इसका कोर्स भी चलाना पड़ सकता है. चिकेन पॉक्स के जिन मरीजों पर अधिक खतरा होता है, डॉक्टर उनके संक्रमण को कम करने के लिए दवाइयां लिख देते हैं, जिससे चिकेन पॉक्स से बढ़ रहे खतरे को भी रोका जा सके. वहीं अगर बच्चे को चिकेन पॉक्स से ज्यादा परेशानियां हो रही हैं तो डॉक्टर एंटीवायरल दवा जैसे एसाइक्लोविर भी दे देता है. इस दवाई को 24 घंटे के अंदर-अंदर देने से दाने पर होने वाली खुजली कम हो जाती है. वहीं वालासाइकलोविर और फैमिसाइक्लोविर भी बीमारी की गंभीरता को कम करने में मदद करती है, लेकिन यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है.



संदर्भ

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  2. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Chickenpox (Varicella)
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  4. Health Harvard Publishing. Harvard Medical School [Internet]. Chickenpox (Varicella). Harvard University, Cambridge, Massachusetts.
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  10. American Academy of Pediatrics. Prevention of Varicella: Recommendations for Use of Varicella Vaccines in Children, Including a Recommendation for a Routine 2-Dose Varicella Immunization Schedule. Committee on Infectious Diseases Pediatrics Jul 2007, 120 (1) 221-231
  11. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Prevention and Treatment
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  13. Michigan Medicine: University of Michigan [internet]; Chickenpox: Controlling the Itch
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  16. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Complications

चिकन पॉक्स (छोटी माता) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Chickenpox in Hindi

चिकन पॉक्स (छोटी माता) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

चिकन पॉक्स (छोटी माता) की जांच का लैब टेस्ट करवाएं

चिकन पॉक्स (छोटी माता) के लिए बहुत लैब टेस्ट उपलब्ध हैं। नीचे यहाँ सारे लैब टेस्ट दिए गए हैं:

चिकन पॉक्स (छोटी माता) पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 6 साल पहले

चिकन पॉक्स कितने दिन रहता है?

Dr. Haleema Yezdani MBBS , General Physician

दाने निकलने के बाद चिकन पॅाक्स 14 से 16 दिनों तक रहता है। लेकिन दाने निकलने के पहले मरीज को 1 से 2 दिन पहले बुखार और हल्के सिरदर्द का अहसास हो सकता है।

सवाल 5 साल से अधिक पहले

चिकन पॉक्स क्या है?

Dr. Ayush Pandey MBBS, PG Diploma , सामान्य चिकित्सा

चिकन पॅाक्स एक निरोध्य बीमारी है, जो एक से दो हफ्तों के अंदर ठीक हो जाती है। जब तक चिकन पॅाक्स के दाने नहीं निकल आते, तब यह बीमारी किसी अन्य को नहीं फैलती। लेकिन एक बार दाने निकलने के बाद यह संक्रामक हो जाती है, जो आसानी से किसी को भी संक्रमित कर सकती है। चिकन पॅाक्स आमतौर पर 14 साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा होता है। लेकिन अगर आपने चिकन पॅाक्स की वैक्सीनेशन लगा रखी है, तो इसके होने की आशंका कम हो जाती है।

सवाल 5 साल से अधिक पहले

चिकन पॉक्स के दाग कैसे मिटायें?

Dr. B. K. Agrawal MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, सामान्य चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा

चिकन पॅाक्स के दाग हटाने के लिए मार्केट में असंख्य उत्पाद मौजूद हैं। आप चिकन पॅाक्स के दाग को प्राकृतिक तरीके से भी हटा सकते हैं। इसके लिए यहां मौजूद कुछ प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग करें। लेकिन बेहतर होगा इस संबंध में एक बार एक्सपर्ट से संपर्क जरूर करें।

  • एलोए वेरा
  • ओट्स
  • बटर
  • कोको बटर
  • ओलिव आयल
  • नारियल तेल
  • जोजोबा आयल
  • शिया बटर
  • नींबू का रस
  • शहद
  • बेकिंग सोडा

सवाल 5 साल से अधिक पहले

चिकन पॉक्स से कैसे बचें?

Dr. Braj Bhushan Ojha BAMS , गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक

चिकन पॅाक्स से बचने के लिए इसका वैक्सीन लगाना जरूरी है। हर कोई, फिर चाहे वह बच्चा हो, किशोरवय हो या युवा, अगर आपने चिकन पॅाक्स की वैक्सीनेशन नहीं लगाया  है या कभी चिकन पॅाक्स नहीं हुआ है, तो चिकन पॅाक्स की वैक्सीन के दो डोज अवश्य लें। चिकन पॅाक्स वैक्सीन इस बीमारी के लिए काफी सुरक्षित है। यदि चिकन पॅाक्स वैक्सीनेशन लगाने के बावजूद व्यक्ति को चिकन पॅाक्स होता है, तो उसमें इसके लक्षण बहुत कम दिखने को मिलेंगे। उसे हल्का बुखार और त्वचा पर हल्की लालिमा ही नजर आएगी।