लैरिंक्स (वॉयस बॉक्स) क्या है?
"लैरिंक्स" (Larynx) या स्वर यंत्र या "वॉइस बॉक्स" (Voice box) हमारे गले में होता है, जिसके कारण हम बोलने में सक्षम हो पाते हैं। लैरिंक्स में बलगम से ढकी स्वर तंत्रियां (Vocal cords) मौजूद होती हैं। लैरिंक्स के अंदर स्थित मांसपेशियां स्वर तंत्रियों के आकार और खिंचाव को नियंत्रण करती हैं, जिसके कारण हम ऊंचा व धीमा बोल पाते हैं या गा पाते हैं। स्वर तंत्रियों में पहुंचने वाली हवा में कोई भी परिवर्तन हमारी आवाज और ध्वनि को प्रभावित करता है।
मुंह और ट्रेकिआ (Trachea: जहां वायु फेफड़ों में प्रवेश करती है) जहां एक दूसरे से जुड़ते हैं, वहां पर लैरिंक्स स्थित होता है। इस जगह पर फ्लैप जैसा एक अंग होता है, जिसे एपिग्लोटिस (Epiglottis) कहते हैं। इसका काम होता है निगलते समय भोजन और लार को लैरिंक्स में जाने से रोकना।
लेरिन्जाइटिस (Laryngitis) क्या है?
लेरिन्जाइटिस स्वर यन्त्र (वॉइस बॉक्स) में होने वाली सूजन है, जो इसके अत्यधिक प्रयोग या संक्रमण के कारण होती है। लैरिंक्स के अंदर आपकी स्वर तंत्रियां होती हैं, जिनके खुलने व बंद होने से उत्पन्न होने वाली कंपन ध्वनि बनाती है। लेरिन्जाइटिस में आपकी स्वर तंत्रियों में सूजन हो जाती है, जिसके कारण आवाज में परिवर्तन आता है। कई बार तो आवाज को पहचानना भी लगभग मुश्किल हो जाता है।
लेरिन्जाइटिस के कारणों में ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण (Upper Respiratory Tract Infection), आम सर्दी जुकाम, बोलने, गाने या चिल्लाने के कारण स्वर तंत्रियों का ज्यादा प्रयोग, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (गर्ड), धूम्रपान या प्रदूषित हवा के संपर्क में आना शामिल हैं। लेरिन्जाइटिस अगर संक्रमण के कारण हुआ है, तो संक्रामक होता है।
(और पढ़ें – धूम्रपान छोड़ने के सरल तरीके)
लेरिन्जाइटिस के सबसे आम लक्षण हैं आवाज बैठ जाना, आवाज बंद हो जाना और गले में दर्द होना। वयस्कों को लेरिन्जाइटिस से गला सूखना व गले में खराश, निगलने में दर्द और गले या गर्दन में सूजन हो सकते हैं। अगर लेरिन्जाइटिस किसी संक्रमण के कारण हुआ है, तो संक्रमित व्यक्ति को बुखार, लिम्फ नोड्स (लिम्फ ग्रंथियों) में सूजन के लक्षण भी हो सकते हैं। शिशुओं या बच्चों को लेरिन्जाइटिस में अजीब ध्वनि वाली खांसी व बुखार शामिल हैं।
(और पढ़ें - बुखार भगाने के घरेलू उपाय)
लेरिन्जाइटिस का उपचार आमतौर पर आवाज को आराम देकर, हवा में नमी बढ़ाकर और लक्षणों से राहत के लिए प्राकृतिक और घरेलू उपायों से किया जा सकता है। अगर लेरिन्जाइटिस के लक्षण तीन हफ्तों से अधिक समय तक रहते हैं या उनकी पुनरावृत्ति होती रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लें। गर्ड (GERD) के कारण होने वाले लेरिन्जाइटिस से व्यक्ति को निमोनिया, क्रोनिक ब्रोन्काइटिस और स्वर तंत्री में लकवा भी हो सकते हैं।
(और पढ़ें - निमोनिया के घरेलू उपाय)